कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट: बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह लखनऊ से एसटीएफ की गिरफ्त में

कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट मामले में लंबे समय से फरार चल रहा बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया।

Tue, 02 Dec 2025 12:37:17 - By : Garima Mishra

कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट मामले में लंबे समय से फरार चल रहा बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह आखिरकार यूपी एसटीएफ की गिरफ्त में आ गया। मंगलवार को एसटीएफ ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया। यह वही मामला है जिसमें पिछले कई महीनों से यूपी पुलिस की विशेष टीम सक्रिय थी और उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया था। जांच में यह भी सामने आया कि आलोक सिंह काफी समय से अपनी गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहा था और इसी दौरान उसने लखनऊ की एक अदालत में आत्मसमर्पण की अर्जी भी दाखिल की थी। जानकारी के अनुसार अदालत में आज एसटीएफ को उसकी अर्जी पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी, लेकिन इससे पहले ही तकनीकी निगरानी और पुख्ता इनपुट के आधार पर उसे पकड़ लिया गया।

कफ सिरप तस्करी मामले में आलोक सिंह की भूमिका पहले गाजियाबाद में दर्ज एफआईआर के दौरान सामने आई थी। वह वहां पहले से नामजद था और बाद में लखनऊ में दर्ज मामले की विवेचना में भी उसका नाम जोड़ा गया। एसटीएफ की जांच में यह पाया गया कि तस्करी सिंडिकेट को संरक्षण देने और संचालन में उसका सीधा या परोक्ष योगदान रहा है। एजेंसी का कहना है कि उसके खिलाफ कई ठोस सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर उसकी गिरफ्तारी जरूरी थी। पिछले एक सप्ताह से एसटीएफ लगातार उसके ठिकानों पर दबिश दे रही थी और उस पर नजर रखी जा रही थी।

सूत्रों के अनुसार आलोक सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब मामले का दायरा और बड़ा हो सकता है। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि पूछताछ के दौरान दुबई कनेक्शन और उस नेटवर्क का खुलासा हो सकता है जो इस अवैध कारोबार को विदेशों तक संचालित करता था। इसके साथ ही आलोक सिंह के रियल एस्टेट कारोबार, फर्जी कंपनियों और एक स्लीपर सेल जैसी संरचना की जानकारी भी मिल सकती है। एजेंसियां उन प्रभावशाली लोगों की भूमिका पर भी फोकस कर रही हैं जिनके संरक्षण में यह पूरा सिंडीकेट लंबे समय से फलता फूलता रहा। मामले में कई सफेदपोशों के नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।

गिरफ्तारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय और एसटीएफ की संयुक्त पूछताछ की तैयारी की जा रही है। ईडी को इस मामले में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिलने की उम्मीद है। एजेंसी उसकी बैंकिंग ट्रांजैक्शन, विदेश यात्राओं और संपर्कों की पूरी जांच करेगी। माना जा रहा है कि तस्करी से जुड़े लगभग सौ करोड़ रुपये से अधिक का अवैध धन प्रवाह हुआ है और इस पूरी प्रक्रिया में किन किन लोगों की भूमिका रही, इसे पता लगाने के लिए पूछताछ निर्णायक साबित हो सकती है।

एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि आलोक सिंह से कई अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है और उसके बयान नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ने में मदद कर सकते हैं। फिलहाल उसे रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है ताकि आगे की गहराई से पूछताछ की जा सके। एजेंसियों का लक्ष्य न केवल इस तस्करी गिरोह को खत्म करना है, बल्कि उन सभी लोगों को बेनकाब करना है जो पर्दे के पीछे से इसे समर्थन दे रहे थे।

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