सहारनपुर: दूल्हे ने लौटाई 5 लाख की शगुन राशि, दहेज प्रथा पर दिया कड़ा संदेश

सहारनपुर में दूल्हे प्रदीप राणा ने 5 लाख रुपये की शगुन राशि लौटाकर दहेज प्रथा के खिलाफ मिसाल पेश की, जिसकी सराहना हो रही है।

Tue, 02 Dec 2025 11:15:40 - By : Tanishka upadhyay

सहारनपुर: दहेज के खिलाफ एक मजबूत संदेश देते हुए हरियाणा से सहारनपुर आई बरात के दूल्हे प्रदीप राणा ने शगुन में मिली पांच लाख रुपये की राशि लौटा दी। इस फैसले ने न केवल दोनों परिवारों को भावुक किया, बल्कि पूरे क्षेत्र में दूल्हे की इस पहल की सराहना होने लगी है। समाज में फैली दहेज प्रथा पर यह एक महत्वपूर्ण चोट मानी जा रही है, जो लंबे समय से परिवारों पर आर्थिक और मानसिक बोझ बनती आ रही है।

मियानगी गांव निवासी तरसेम राणा की बेटी अन्नु की शादी हरियाणा के कैथल जिले के फरल गांव निवासी प्रदीप राणा से तय हुई थी। रविवार शाम बरात पहुंची तो customary रस्मों के दौरान वधू पक्ष ने दूल्हे को शगुन में पांच लाख रुपये दिए। लेकिन आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत प्रदीप ने पूरी राशि वापस कर दी और केवल एक रुपया शगुन के तौर पर स्वीकार किया। उनका कहना था कि दहेज जैसी कुप्रथा से समाज को मुक्त कराने के लिए युवाओं को आगे बढ़कर उदाहरण पेश करना होगा।

दुल्हन अन्नु ने भी इस निर्णय की तारीफ की और कहा कि जब सभी दूल्हे ऐसी सोच अपनाएंगे, तभी दहेज जैसी कुरीतियों का अंत होगा। उन्होंने कहा कि परिवार अपनी बेटियों की परवरिश में हर तरह का प्रयास करता है, ऐसे में विवाह के समय आर्थिक बोझ डालना उचित नहीं है।

इसी तरह मुजफ्फरनगर में भी एक और सकारात्मक उदाहरण सामने आया। बुड्ढाखेड़ा गांव में आयोजित शादी समारोह में दूल्हे प्रवीण कुमार ने तिलक की रस्म के दौरान वधू पक्ष द्वारा दी जा रही साढ़े तीन लाख रुपये की राशि लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने विनम्रता से हाथ जोड़कर कहा कि रिश्तों में मिठास बनाए रखने के लिए दहेज जैसी प्रथाओं को खत्म करना जरूरी है। दुल्हन रश्मि ने भी दूल्हे के निर्णय की सराहना की और कहा कि यह कदम कई परिवारों के लिए प्रेरणा बनेगा।

हाल के दिनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार ऐसे उदाहरण सामने आ रहे हैं।

22 नवंबर को मुजफ्फरनगर में एक दूल्हे ने 31 लाख में से केवल एक रुपया लिया।

28 नवंबर को बागपत के एक युवक ने सगाई में मिले 21 लाख का चेक लौटा दिया।

30 नवंबर को सहारनपुर के एक दूल्हे ने 11 लाख वापस कर एक रुपये का शगुन स्वीकार किया।

इन घटनाओं से साफ है कि समाज में दहेज विरोधी जागरूकता बढ़ रही है और युवा पीढ़ी कुरीतियों को खत्म करने की दिशा में आगे आ रही है। इस बदलाव को कई परिवार सामाजिक सुधार का नया संकेत मान रहे हैं।

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