बेंगलुरु: इंडिगो उड़ानें रद्द होने से यात्री परेशान, एयरपोर्ट पर रातभर अफरातफरी।

बेंगलुरु केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट पर इंडिगो की कई उड़ानें रद्द होने से सैकड़ों यात्री रातभर फंसे रहे, उन्हें सामान ढूंढने में भारी परेशानी हुई।

Sun, 07 Dec 2025 14:57:05 - By : SUNAINA TIWARI

नई दिल्ली : मिली जानकारी के अनुसार केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार रात का माहौल भले ही कुछ देर बाद सामान्य होने लगा हो, लेकिन सैकड़ों यात्रियों की परेशानियां रात भर जारी रहीं। इंडिगो की कई फ्लाइट कैंसिल होने के कारण बड़ी संख्या में लोग हवाई अड्डे पर फंसे रहे। यात्रियों को अपना सामान ढूंढने में कई घंटे लग गए और कुछ का सामान क्षतिग्रस्त या गायब भी मिला। एयरलाइन द्वारा रिफंड का आश्वासन दिए जाने के बावजूद यात्रियों का तनाव कम नहीं हुआ, क्योंकि इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सिस्टम का अचानक ठप हो जाना सभी के लिए चौंकाने वाला था।

कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें अपने बैग खोजने में घंटों लग गए। धान्या रविंद्रन, जिनकी फ्लाइट रद्द हो गई थी, ने कहा कि उन्हें अपने सामान और शूटिंग के उपकरणों के लिए आठ घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने बताया कि वे लगातार इंडिगो स्टाफ से पूछती रहीं, लेकिन किसी के पास सही जानकारी नहीं थी। आखिरकार एयरपोर्ट के एक कर्मचारी की मदद से उन्होंने कन्वेयर टनल के पास बैग के ढेर में अपना सामान खुद ढूंढ निकाला।

जयपुर जाने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर आरिफ खान को सात घंटे इंतजार के बाद अपना सूटकेस मिला। उन्होंने बताया कि उनका बैग टूटा हुआ मिला और पहिए भी क्षतिग्रस्त थे। उन्होंने इसे इंडिगो के इतिहास की सबसे खराब परिचालन स्थिति बताया। जयपुर लौटने की कोशिश कर रही 24 वर्षीय छात्रा अंजना राम के लिए भी इंतजार एक बड़ी चिंता बन गया। उनके चेक इन बैग में दवाइयां थीं और उन्होंने स्टाफ से प्राथमिकता देने की गुजारिश की, लेकिन उन्हें बताया गया कि वे अलग बैग ट्रैक नहीं कर पा रहे हैं। जब बैग मिला तो उसका जिपर फटा हुआ था और सामान बाहर निकल रहा था, जिससे उन्हें काफी दुख हुआ।

कुछ यात्रियों ने एयरपोर्ट की अव्यवस्था की ओर भी गंभीर सवाल उठाए। यूके जाने वाले प्रकाश मेनन ने बताया कि लोग अपने बैग पाने के लिए ढेरों पर चढ़ रहे थे। कोई सिस्टम नहीं था, न अनाउंसमेंट थे और न ही लाइन की व्यवस्था। उन्होंने कहा कि इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर ऐसी स्थिति अविश्वसनीय है। उनका कहना था कि रिफंड से मानसिक तनाव और सामान की क्षति की भरपाई नहीं होती।

बेंगलुरु की गायिका अनन्या प्रकाश के लिए यह अनुभव और भी कठिन रहा। हैदराबाद के लिए उनकी छोटी फ्लाइट अचानक रद्द हो गई, जिससे वे सैकड़ों यात्रियों के साथ फंसी रह गईं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एयरलाइन पर सवाल उठाते हुए बताया कि न बैठने की जगह थी और न स्टाफ के पास कोई जानकारी थी। उनके चेक इन किए गए बैग के बारे में पहले कहा गया कि थोड़ा समय लगेगा, फिर बताया गया कि दो दिन तक नहीं मिलेगा। अनन्या ने कहा कि उनका सारा काम का सामग्री उसी बैग में था और एयरलाइन की लापरवाही से यात्रियों की दिक्कतें बढ़ती चली गईं।

एयरपोर्ट प्रशासन और एयरलाइन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन ये घटनाएं फिर से दिखाती हैं कि भारी भीड़ और तकनीकी दिक्कतों के बीच सिस्टम की मजबूती और बेहतर प्रबंधन कितना जरूरी है। यात्रियों का कहना है कि वे भविष्य में ऐसे हालात न दोहराए जाने की उम्मीद करते हैं।

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