Sun, 30 Nov 2025 00:22:37 - By : SUNAINA TIWARI
मेरठ : पुलिस ने विधायक के फर्जी प्रतिनिधि बनकर लोगों को धोखा देने वाले गुलफामुद्दीन को शनिवार को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। वह अपनी कार में सवार होकर गुजरात भागने की तैयारी में था, लेकिन पुलिस ने उसे समय रहते दबोच लिया। पूछताछ के दौरान उसने दावा किया कि मेरठ निवासी मोहम्मद उवेश से उधार दिए गए 3.18 लाख रुपये वापस मांगने के लिए उसने डीआईजी से सिफारिश कराई थी। जांच में यह भी सामने आया कि गुलफामुद्दीन लंबे समय से खुद को प्रभावशाली व्यक्ति बताकर लोगों को भ्रमित करता रहा है और कई बार ऐसे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जिनकी कोई कानूनी वैधता नहीं थी।
पुलिस के अनुसार आरोपी ने अपनी कार पर विधानसभा का फर्जी पास लगा रखा था ताकि हर टोल प्लाजा पर आसानी से निकल सके और किसी को उसकी असल पहचान का संदेह न हो। वह वाहन के आगे और पीछे भाजपा का स्टीकर और झंडा लगाकर चलता था ताकि लोग उसे किसी बड़े नेता या प्रतिनिधि का आधिकारिक वाहन समझें। गाजियाबाद के मुरादनगर के प्रीत विहार कॉलोनी निवासी गुलफामुद्दीन जुलाई में डीआईजी कलानिधि नैथानी के सामने पेश होकर मोहम्मद उवेश और उसके पिता आकिल पर पैसे हड़पने का आरोप लगा चुका था। उसने शिकायत में यह भी कहा था कि उसे धमकाया जा रहा है और जान से मारने की चेतावनी दी गई है।
जांच में उस समय भी पुलिस को उसकी कहानी पर संदेह हुआ था, लेकिन फर्जी प्रतिनिधित्व का मामला बाद में तब स्पष्ट हुआ जब उसने खुद को एमएलसी रामसूरत राजभर का प्रतिनिधि बताया और फर्जी लेटरपैड पर विधायक गौरी शंकर वर्मा के नकली हस्ताक्षर कर सिफारिश पत्र डीआईजी को सौंप दिया। जांच में पत्र पूरी तरह फर्जी पाया गया और ब्रह्मपुरी थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जांच आगे बढ़ने पर पुलिस को पता चला कि वह गाजियाबाद से कार में गुजरात के लिए निकल चुका है जहां उसके परिवार के कई सदस्य रहते हैं। इसके बाद टीम ने पीछा कर उसे धर दबोचा।
गुलफामुद्दीन को कार समेत थाने लाया गया जहां पूछताछ में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। पुलिस के अनुसार उसने दो शादियां की हैं। उसकी पहली शादी रेशमा से हुई थी और दूसरी शादी गाजियाबाद की शबनम से की। अब पुलिस उसका पूरा रिकार्ड खंगाल रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने कार कहां से खरीदी और किन किन मामलों में खुद को नेता या प्रतिनिधि बताकर लोगों को धोखा दिया। एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि मामले में विधानसभा के फर्जी पास का प्रावधान भी जोड़ा जाएगा और आरोपी से गहन पूछताछ जारी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि उसकी गतिविधियों में और कौन शामिल था तथा उसने किन किन मामलों में फर्जी पहचान का उपयोग किया।