Sun, 07 Dec 2025 19:10:29 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी/रामनगर: उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस (पूर्वी जोन) की ओर से शुक्रवार को प्रस्तावित “वोट चोर गद्दी छोड़, SIR बंद करो, बेरोजगारी हटाओ” जनाक्रोश रैली से पहले ही वाराणसी का माहौल पूरी तरह बदल गया। बेरोजगारी, SIR व्यवस्था तथा कथित वोट चोरी को लेकर आयोजित की जाने वाली इस रैली से पहले ही पुलिस प्रशासन ने कड़ा रूख अख़्तियार करते हुए सुबह से ही कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को नजरबंद करना शुरू कर दिया। कई स्थानों पर अचानक दबिश देकर रैली से जुड़े लोगों को उठाया गया और थानों में बैठाया गया।
रैली शुरू होने से पूर्व हुई इन कार्रवाइयों ने शहर में हलचल तेज कर दी और विपक्षी दलों ने इसे “दमनात्मक कदम” करार दिया।
युवा कांग्रेस की योजना थी कि रैली शास्त्री घाट से निकलकर कचहरी होते हुए रविंद्रपुरी स्थित प्रधानमंत्री जनसंपर्क कार्यालय तक जाए। जैसे ही यह जानकारी प्रशासन तक पहुँची, सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके को संवेदनशील घोषित करते हुए व्यापक बंदोबस्त शुरू कर दिया। भेलूपुर, लंका और चितईपुर थानों की फोर्स को हाई अलर्ट पर रखा गया, जबकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तीन प्लाटून PAC की तैनाती भी की गई। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल और एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार स्वयं फील्ड में उपस्थित रहे और तैनाती से लेकर बैरिकेडिंग तक हर व्यवस्था की रीयल टाइम मॉनिटरिंग करते रहे।
रैली मार्ग में सबसे संवेदनशील बिंदु गुरु धाम चौराहा था, जिसे पुलिस ने सुरक्षा का केंद्रीय पॉइंट घोषित किया। यहां बहुस्तरीय बैरिकेडिंग, आवाजाही की निगरानी और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर की व्यवस्था पहले से ही लागू कर दी गई थी।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल स्वयं मौके पर पहुंचे और गुरु धाम चौराहे से लेकर पीएमओ कार्यालय तक पूरा रूट मार्च किया। उन्होंने सुरक्षा में तैनात जवानों के हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर, डंडे, हथियार तथा संचार उपकरणों की एक–एक कर जांच की। इसी दौरान सिगरा थाने का एक दरोगा बिना बॉडी प्रोटेक्टर और पिस्तौल के मिला, जिस पर कमिश्नर ने मौके पर ही कड़ी फटकार लगाई और इसे गंभीर लापरवाही बताया। कमिश्नर ने चार प्रमुख प्वाइंटों पर तैनात फोर्स को उपकरण सही रखने, अलर्ट रहने और सुरक्षा में किसी भी ढिलाई को बर्दाश्त न करने के निर्देश दिए।
हमारे रामनगर संवाददाता के मुताबिक, स्थानीय पुलिस ने सुबह से ही कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को नजरबंद करना शुरू कर दिया।
प्रदेश महासचिव यूथ कांग्रेस अरुणेश सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता पीएमओ घेराव के लिए रवाना होने वाले थे, लेकिन रामनगर पुलिस ने उन्हें तथा अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर थाने ले आई। जिनमें अरुणेश सिंह, प्रदेश महासचिव (यूथ कांग्रेस)विकास 'विक्की', मोहित सिंह, प्रदेश अध्यक्ष यूथ कांग्रेस विशाल सिंह, प्रदीप राज, नगर अध्यक्ष समसाद खान सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल रहे।
रामनगर थाने में मौजूद यूथ कांग्रेस नेता अरुणेश सिंह ने कहा कि सरकार के दमनकारी रवैये के खिलाफ युवा अब चुप नहीं बैठने वाले हैं। उन्होंने कहा कि “वोट चोर गद्दी छोड़, SIR बंद करो और बेरोजगारी हटाओ… इन मुद्दों पर आवाज उठाना अपराध नहीं है। सरकार की तानाशाही बढ़ती जा रही है, इसलिए हमें मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ा है। हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। चाहे नजरबंद करें या गिरफ्तार, जनआवाज को दबाया नहीं जा सकता।”
रैली को रोकने के मद्देनज़र सुरक्षा एजेंसियों ने सोशल मीडिया गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखी। किसी भी अफवाह या भड़काऊ मैसेज को फैलने से रोकने के लिए साइबर टीम को सक्रिय कर दिया गया था। शहर के संवेदनशील इलाकों में चेकिंग अभियान तेज रखा गया और कई जगह वाहनों की तलाशी भी ली गई।
युवा कांग्रेस की रैली भले ही प्रशासनिक सख्ती के कारण पूरी तरह आयोजित न हो सकी, लेकिन इस घटना ने राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है। विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है, जबकि प्रशासन का कहना है कि “शहर की शांति और सुरक्षा सर्वोपरि है”।