Tue, 02 Dec 2025 16:28:31 - By : Shriti Chatterjee
वृंदावन में कार्तिक मास के दौरान आध्यात्मिक वातावरण हर दिन और अधिक गहरा होता जा रहा है। संत प्रेमानंद की रात्रिकालीन पदयात्रा के बाद अब सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज ने भी अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा की शुरुआत कर दी है। सोमवार की शाम सात बजे प्रेम मंदिर से बाराह घाट स्थित आनंदम धाम आश्रम तक की इस यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जैसे ही सद्गुरु ऋतेश्वर ने कदम आगे बढ़ाए, दर्शन और आशीर्वाद के लिए भक्त सड़क के दोनों ओर एकत्र होने लगे। आश्रम के अनुयायियों ने व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए मार्ग पर मजबूत सुरक्षा तैयार की ताकि भीड़ के दबाव में यात्रा बाधित न हो। रस्सों से बनी अस्थायी रेलिंग ने मार्ग को नियंत्रित रखने में मदद की और श्रद्धालु क्रमबद्ध तरीके से सद्गुरु के दर्शन कर सके।
कार्तिक मास में शुरू हुई यह नई पदयात्रा वृंदावन की आध्यात्मिक परंपरा में एक और महत्वपूर्ण आयोजन बनती जा रही है। संत प्रेमानंद की पदयात्रा में जिस तरह देश और दुनिया से श्रद्धालु पहुंचते हैं और रात भर सड़कों पर समय बिताते हैं, उसी तरह अब सद्गुरु ऋतेश्वर की यात्रा में भी भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती दिखाई दे रही है। प्रेम मंदिर से यात्रा शुरू होते ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में सद्गुरु के साथ चलने लगे और कई भक्त केवल दर्शन के लिए मार्ग पर खड़े रहे। रास्ते में रमणरेती पुलिस चौकी, परिक्रमा मार्ग और रमणरेती क्षेत्र में भी भीड़ लगातार बढ़ती रही। पूरे मार्ग पर भक्तों का उत्साह और भक्ति भावना साफ दिखाई दे रही थी। सद्गुरु ऋतेश्वर सभी श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए आगे बढ़ते रहे और हर पड़ाव पर उत्साह बढ़ता गया।
रात्रिकालीन वातावरण में जगमगाते प्रेम मंदिर से शुरू हुई यह पदयात्रा देर रात बाराह घाट स्थित आनंदम धाम आश्रम पहुंचकर संपन्न हुई। आश्रम पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने भजन और प्रार्थना के साथ पदयात्रा का समापन देखा। आश्रम प्रशासन का कहना है कि आगे आने वाले दिनों में पदयात्रा में और अधिक श्रद्धालुओं के जुड़ने की संभावना है और उनकी सुविधा के लिए अतिरिक्त प्रबंध किए जाएंगे। वृंदावन की इस आध्यात्मिक यात्रा ने भक्तों में एक नई ऊर्जा भरी है और कार्तिक मास में भक्तिमय माहौल और भी गहरा हो गया है।