Tue, 02 Dec 2025 16:15:30 - By : Tanishka upadhyay
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में वाराणसी के डा. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम सिगरा के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है। सरकार ने स्टेडियम को नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने और उसके संचालन, प्रबंधन और रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी भारतीय खेल प्राधिकरण साई को सौंपने वाले एमओयू को मंजूरी दे दी है। यह फैसला न केवल पूर्वांचल बल्कि पूरे प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके लागू होने से वाराणसी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल प्रशिक्षण केंद्र के रूप में नई पहचान मिलेगी।
स्टेडियम में पहले ही खेलो इंडिया योजना के तहत आधुनिक अवसंरचना विकसित की जा चुकी है और अब कैबिनेट की स्वीकृति के बाद स्टेडियम की सभी सुविधाएं, भवन, मैदान और तकनीकी संरचनाएं साई को हस्तांतरित कर दी जाएंगी। साई यहां नेशनल एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करेगा जहां हर वर्ष लगभग 180 खिलाड़ियों को उन्नत और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें बाक्सिंग, कुश्ती, तलवारबाजी और शूटिंग जैसे प्रमुख खेलों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 13.50 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय प्रस्तावित है। देशभर में साई के 23 उत्कृष्टता केंद्र पहले से संचालित हैं और वाराणसी का यह नया केंद्र उसमें एक महत्वपूर्ण जोड़ के रूप में देखा जा रहा है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस निर्णय से प्रदेश की प्रतिभाओं को सर्वोच्च स्तर का मंच मिलेगा और वाराणसी का खेल परिदृश्य राष्ट्रीय नक्शे पर और अधिक मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिलने से युवाओं के करियर को नई दिशा मिलेगी और शहर खेल गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र बनेगा।
कैबिनेट की इस बैठक में खिलाड़ियों से जुड़ा एक और बड़ा निर्णय लिया गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में नियुक्त अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण कैंपों में लगने वाली पूरी अवधि अब आधिकारिक ड्यूटी मानी जाएगी। इसमें यात्रा में लगा समय भी शामिल होगा। अब तक अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली 2022 में यह प्रावधान स्पष्ट न होने के कारण खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं में जाने के लिए छुट्टियां लेनी पड़ती थीं और अनुमति प्राप्त करने में भी कठिनाइयां होती थीं। नई व्यवस्था के तहत खिलाड़ी विभागाध्यक्ष की अनुमति लेकर किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता अथवा ट्रेनिंग शिविर में भाग ले सकेंगे और पूरी अवधि सेवा अवधि के रूप में दर्ज की जाएगी।
सरकार का कहना है कि इन फैसलों से प्रदेश के खिलाड़ियों को तैयारियों में सुविधा मिलेगी, प्रशासनिक बाधाएं दूर होंगी और उत्तर प्रदेश का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व मजबूत होगा। वाराणसी के लिए नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।