Tue, 09 Dec 2025 14:06:21 - By : Palak Yadav
वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से कमिश्नरेट पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई शुरू की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के बाद पुलिस ने शहर में 500 रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की है। यह कार्रवाई पिछले कुछ सप्ताहों से चल रही खुफिया जांच और झुग्गी झोपड़ी क्षेत्रों में पुलिस की निरंतर छानबीन के बाद सामने आई है। प्रारंभिक जांच में ही सामने आ गया कि कई लोग लंबे समय से काशी में अलग-अलग कामों में लगकर समाज में इस तरह घुल मिल गए थे कि उन्हें पहचानना आसान नहीं था।
पुलिस टीम गांव और बस्तियों में लगातार सत्यापन कर रही है। चोलापुर सहित कई ब्लाकों में यह चर्चा भी है कि जांच की भनक लगने पर कुछ परिवार चुपचाप घर छोड़कर चले गए। अधिकारियों का मानना है कि मतदाता सूची के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान के चलते भी कई छिपे हुए मामलों का खुलासा हो रहा है, क्योंकि इस प्रक्रिया में प्रत्येक व्यक्ति को यह बताना होता है कि वर्ष 2003 में उनके परिवार के सदस्य कहां मतदाता थे।
सबसे बड़ी चुनौती यह रही कि इनमें से कई संदिग्ध लोग आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाते और यहां तक कि मकान निर्माण से संबंधित पीला कार्ड भी बनवा चुके हैं। खुफिया विभाग के मुताबिक कुछ ने मतदाता सूची में अपने नाम तक दर्ज करा लिए थे। कई निजी कंपनियों और कारखानों में नौकरी करते हुए सामान्य जीवन जी रहे थे, जिसकी वजह से इनकी पहचान कठिन होती जा रही थी। इसके बावजूद पुलिस टीम लगातार दस्तावेजों की जांच और जमीनी सत्यापन कर ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही है।
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि चिह्नित किए गए 500 संदिग्धों में से 200 काशी जोन, 200 वरुणा जोन और 100 गोमती जोन में मिले हैं। आगामी दिनों में इन सभी को डिटेंशन सेंटर भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और इसकी मॉनिटरिंग प्रतिदिन की जा रही है।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद डीसीपी क्राइम सरवणन ने भी कई संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की और संबंधित पुलिस टीमों को सत्यापन अभियान और तेज करने के निर्देश दिए। प्रशासन का कहना है कि यह कदम न केवल सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है, बल्कि शहर में कानून व्यवस्था और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है।
वाराणसी में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान और उन्हें डिटेंशन सेंटर भेजने की इस प्रक्रिया से स्पष्ट संकेत मिलता है कि सरकार और पुलिस प्रशासन इस मुद्दे पर बेहद गंभीर है। यह कार्रवाई आने वाले समय में क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति को मजबूत करेगी और सामाजिक शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।