Mon, 08 Dec 2025 13:48:05 - By : Palak Yadav
लखनऊ में बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की बढ़ती संख्या सामने आने के बाद अब वाराणसी में भी पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया है। प्रदेश सरकार द्वारा मंडल मुख्यालयों पर डिटेंशन सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए जाने के बाद वाराणसी में अवैध प्रवासियों की पहचान और जांच प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जल्द ही शहर में एक डिटेंशन सेंटर बनाया जाएगा, जहां पकड़े गए रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक रखा जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना और प्रदेश में अवैध निवास को नियंत्रित करना है।
डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल के अनुसार विशेष जांच अभियान शनिवार से शुरू किया गया है। पुलिस टीमों ने रेलवे ट्रैक के आसपास की बस्तियों, सड़क किनारे बसे झुग्गी क्षेत्रों और अन्य अनियमित आवास स्थलों में रहने वालों की दस्तावेज जांच शुरू कर दी है। जिन व्यक्तियों के पास वैध पहचान पत्र या निवास प्रमाण नहीं है, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है और गलत दस्तावेज पाए जाने पर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। सभी थाने प्रभारी अपने क्षेत्रों में जांच के लिए विशेष दस्ते बनाकर सत्यापन और पूछताछ का कार्य कर रहे हैं।
जंसा थाना प्रभारी अनिल कुमार शर्मा ने रविवार को सड़क किनारे और सार्वजनिक स्थानों पर रहने वालों का सत्यापन किया। उन्होंने बताया कि दस्तावेज स्पष्ट न होने पर संदिग्ध व्यक्तियों को तुरंत अपने गृह जनपद लौटने का निर्देश दिया जा रहा है। इसके साथ ही मकान मालिकों को भी किराएदारों के सत्यापन कराने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। पुलिस प्रशासन का कहना है कि बिना सत्यापन किसी को भी घर देना नियमों का उल्लंघन है और इस पर कार्रवाई की जाएगी।
इस अभियान के दौरान पुलिस का ध्यान अवैध निवासियों की पहचान करने के साथ साथ स्थानीय लोगों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने पर भी केंद्रित है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाएगा और पूरी प्रक्रिया कानून के दायरे में रहकर पूरी की जाएगी। वाराणसी में डिटेंशन सेंटर की स्थापना और अवैध प्रवासियों की खोज अभियान यह संकेत देते हैं कि सरकार इस मामले को अत्यंत गंभीरता से देख रही है।
स्थानीय समुदाय से भी अपेक्षा की जा रही है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। अधिकारियों का कहना है कि जनता के सहयोग से अवैध प्रवासियों की पहचान तेज और अधिक सटीक तरीके से की जा सकेगी। वाराणसी में शुरू हुए इस अभियान से उम्मीद की जा रही है कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी और अवैध निवासियों के मुद्दे पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकेगा।