Tue, 02 Dec 2025 11:35:44 - By : Tanishka upadhyay
वाराणसी और पूर्वांचल में मौसम का रुख अब बदलने की दिशा में दिखाई दे रहा है। एक सप्ताह बाद पछुआ हवाओं का प्रभाव बढ़ने और बिहार की ओर मौजूद बादलों के पूर्व की तरफ लौटने से ठंड का असर और तेज होने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही गलन की शुरुआत होगी और तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसके साथ ही कोहरा भी छाने लगेगा जिससे सुबह और रात का मौसम और अधिक सर्द महसूस होगा। पिछले चौबीस घंटों में अधिकतम तापमान 27.0 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अनुमान है कि इस सप्ताह न्यूनतम तापमान दस डिग्री से नीचे जा सकता है।
पूर्वांचल के कई हिस्सों में पिछले दिनों से बादलों की हलचल और हवा के रुख में बदलाव स्पष्ट दिखाई देने लगा है। अधिकतम तापमान सामान्य से 0.4 डिग्री अधिक रहा जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 0.1 डिग्री कम दर्ज किया गया। आर्द्रता का स्तर भी बदलते मौसम का संकेत दे रहा है। बीते घंटों में न्यूनतम आर्द्रता 60 प्रतिशत और अधिकतम आर्द्रता 81 प्रतिशत रही। तापमान में लगातार गिरावट और बादलों के पूर्व दिशा में हटने से साफ है कि पछुआ हवाएं सक्रिय हो चुकी हैं और अब ठंड का असर बढ़ने वाला है।
मौसम विभाग के अनुसार अफगानिस्तान क्षेत्र से आने वाली गलन भरी हवाएं उत्तर भारत की ओर बढ़ रही हैं। इन हवाओं के पहुंचते ही मैदानी इलाकों में ठिठुरन का असर महसूस होने लगेगा। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी और पाले की स्थिति भी बननी शुरू हो गई है। इन परिस्थितियों का सीधा प्रभाव वाराणसी और पूर्वांचल के मैदानी हिस्सों पर पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। सुबह और देर शाम की धुंध और कोहरा बढ़ने से आम जनजीवन पर भी असर पड़ेगा।
पश्चिमी क्षेत्रों में तापमान में गिरावट शुरू हो चुकी है और अगले कुछ दिनों में इसका असर पूर्वांचल तक पहुंच जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में अब कोहरे का प्रभाव बढ़ेगा और न्यूनतम तापमान में तेज कमी देखने को मिल सकती है। बढ़ती ठंड के कारण स्थानीय लोगों को रात और सुबह के समय अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। अनुमान यह भी है कि सप्ताह के अंत तक तापमान दस डिग्री से कम पहुंच सकता है जिससे शीतलहर की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।