वाराणसी: रिश्वतखोरी के आरोप में ट्रैफिक इंस्पेक्टर लाइन हाजिर, कमिश्नर ने किया आदेश

वाराणसी में रिश्वतखोरी के आरोप में ट्रैफिक इंस्पेक्टर शिवाकांत शुक्ला को लाइन हाजिर किया गया, होमगार्ड के माध्यम से ₹3000 की रिश्वत ली गई थी।

Tue, 02 Dec 2025 11:27:19 - By : Shriti Chatterjee

वाराणसी में ट्रैफिक पुलिस विभाग से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है जिसमें रिश्वतखोरी के आरोप में ट्रैफिक इंस्पेक्टर शिवाकांत शुक्ला को लाइन हाजिर कर दिया गया है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने सोमवार शाम आदेश जारी कर इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त किया। यह कार्रवाई उस शिकायत की जांच के बाद की गई जिसमें आरोप था कि ई रिक्शा छोड़ने के लिए तीन हजार रुपये की मांग की गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि यह रकम वाहन स्वामी से होमगार्ड के माध्यम से ली गई थी।

मामला बादशाह बाग कालोनी निवासी हेमंत मेहरा से जुड़ा है जो कई रूट पर ई रिक्शा संचालित करते हैं और उनके वाहन यातायात पुलिस में पंजीकृत हैं। हेमंत के चालक शिवशंकर ने 24 नवंबर को फोन कर जानकारी दी कि मरी माई मंदिर तिराहे पर ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड ने ई रिक्शा को पकड़ लिया है। मौके पर टीआइ की मौजूदगी में वाहन को किनारे खड़ा करा दिया गया था और चालान की चेतावनी के साथ बिना चालान छोड़ने के लिए कथित तौर पर चार हजार पांच सौ रुपये की मांग की गई थी। इसके बाद हेमंत मेहरा मौके पर पहुंचे और अपने परिचित अभय मिश्रा को भी बुलाया।

टीआइ शिवाकांत शुक्ला उस समय मौके पर नहीं थे लेकिन होमगार्ड ने वाहन स्वामी को टीआइ से फोन पर बात कराई। बातचीत के बाद रकम तीन हजार रुपये तय हुई। अभय मिश्रा ने यह राशि पास के शौचालय के पास होमगार्ड को सौंप दी। घटना के बाद हेमंत मेहरा ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर से की। शिकायत मिलते ही एडिशनल पुलिस कमिश्नर शिवहरी मीणा ने जांच शुरू की और पीड़ित पक्ष ने दफ्तर में पहुंचकर पूरा बयान दर्ज कराया।

जांच के दौरान होमगार्ड ने स्वीकार किया कि वह टीआइ के निर्देश पर ही रकम ले रहा था। जब इस संबंध में इंस्पेक्टर शिवाकांत शुक्ला से जवाब मांगा गया तो वे कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे सके। इसके बाद मामले में चार्जशीट तैयार कर दी गई और एडिशनल सीपी की रिपोर्ट के आधार पर सीपी मोहित अग्रवाल ने इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया। मामले को गंभीर मानते हुए उनके खिलाफ एक अन्य विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। पुलिस विभाग इसे सेवा अनुशासन और भ्रष्टाचार से जुड़े एक संवेदनशील मामले के रूप में देख रहा है और आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के अनुसार की जाएगी।

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