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प्रयागराज में फौजी विवेक सिंह की हत्या, पुलिस ने 3 घंटे में सभी 5 आरोपी दबोचे

प्रयागराज में फौजी विवेक सिंह की हत्या, पुलिस ने 3 घंटे में सभी 5 आरोपी दबोचे

प्रयागराज में फौजी विवेक सिंह की सड़क पर साइड न मिलने से हुई हत्या, पुलिस ने मात्र तीन घंटे में पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया।

प्रयागराज के करछना क्षेत्र में फौजी विवेक सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने बेहद तेजी से कार्रवाई करते हुए घटना के महज तीन घंटे के भीतर सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार सुबह करीब 7 बजे जानकारी मिलने पर चार विशेष टीमें बनाई गईं और लगातार दबिश देकर दोपहर तक पूरी घटना से जुड़े सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने जो बातें कबूल कीं, उससे साफ हुआ कि सड़क पर साइड न मिलने को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद कुछ ही मिनटों में जानलेवा झड़प में बदल गया और 500 मीटर तक पीछा करने के बाद फौजी की हत्या कर दी गई।

सबसे पहले गिरफ्तार किए गए आरोपी दिनेश कुमार यादव ने स्वीकार किया कि स्कॉर्पियो वही चला रहा था और गुस्से में उसने ओवरटेक कर कार रोकी थी। पूछताछ में उसने बताया कि वह शादी से लौट रहा था और टोंस नदी पुल के पास आगे चल रही कार को कई बार हॉर्न देने के बाद भी उसे रास्ता नहीं मिला, जिसके बाद उसने ओवरटेक कर कार रोक दी। नीचे उतरते ही उसकी विवेक से कहासुनी हो गई और विवाद बढ़ने पर हमला हो गया। दिनेश खुद को अधिवक्ता बताता है और उसी की निशानदेही पर बाकी चार आरोपी पकड़े गए।

दूसरा आरोपी राजकमल पांडेय मिर्जापुर पुलिस की रेडियो शाखा में हेड ऑपरेटर के पद पर तैनात है। उसने बताया कि विवाद बढ़ने पर वह स्कॉर्पियो से नीचे उतरकर आया और विवेक द्वारा खुद को फौजी बताने पर उसने भी पुलिस आईकार्ड दिखाया। उसके मुताबिक बहस अचानक तीखी हो गई और कुछ सेकंड में ही वार कर दिया गया, हालांकि वह दावा करता है कि हमला किसने किया, उसे नहीं पता चला।

तीसरा आरोपी राजीव ठाकुर सेना में हवलदार है और उसकी तैनाती इंदौर में है। उसने बताया कि वह सिर्फ विवाद शांत कराने नीचे आया था, लेकिन झगड़ा इतना जल्दी बढ़ गया कि उसे समझ ही नहीं आया कि किसने हमला किया। चौथा आरोपी राजू अग्रहरि, जो प्लाटिंग का काम करता है, ने कहा कि विवाद बढ़ते ही अफरा तफरी मच गई और कार से उतरा युवक लहूलुहान होकर गिर पड़ा। घबराकर वह साथियों के साथ स्कॉर्पियो में बैठकर भाग निकला। पांचवां आरोपी भाईलाल उर्फ भानु यादव, जो टेंपो चालक है, ने बताया कि वह पीछे खड़ा सब देख रहा था, लेकिन वार किसने किया उसे नहीं पता चला।

फौजी विवेक के परिजनों और चश्मदीद करन सिंह ने आरोप लगाया है कि सभी आरोपी नशे में थे। हालांकि पुलिस का कहना है कि आरोपी मौके पर नहीं पकड़े गए, इसलिए मेडिकल से तत्काल नशे की पुष्टि संभव नहीं थी। पूछताछ में सभी ने शराब पीने से इनकार किया है।

घटना के वक्त विवेक टाटा पंच चला रहे थे, जबकि स्कॉर्पियो दिनेश के हाथ में थी। मामूली साइड न मिलने से शुरू हुआ विवाद रफ्तार पकड़ता गया और कुछ ही मिनट में मामला हत्या तक पहुंच गया। पुलिस अब आरोपियों के बयान, चश्मदीद करन की गवाही, मोबाइल लोकेशन और साइंटिफिक साक्ष्यों के आधार पर पूरी वारदात का क्रम समझने में जुटी है। घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो को भी कब्जे में ले लिया गया है।

पुलिस ने आरोपियों की पृष्ठभूमि की जांच भी शुरू कर दी है। मिर्जापुर पुलिस को हेड ऑपरेटर राजकमल पांडेय की गिरफ्तारी की सूचना भेज दी गई है। साथ ही उसके निलंबन की संस्तुति वाली रिपोर्ट भेजकर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि एक या दो दिनों में उसे निलंबित किया जा सकता है। इस पूरे मामले ने एक बार फिर साबित किया है कि सड़क पर छोटी सी बात कई बार गंभीर घटनाओं का रूप ले लेती है, जिसके खतरनाक परिणाम सामने आते हैं।

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