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इंडिगो की उड़ानों में DGCA का बड़ा फैसला, विंटर शेड्यूल में होगी 10% की कटौती

इंडिगो की उड़ानों में DGCA का बड़ा फैसला, विंटर शेड्यूल में होगी 10% की कटौती

एक सप्ताह की अव्यवस्था के बाद DGCA ने इंडिगो को झटका दिया, विंटर शेड्यूल में उड़ानों में 10% कटौती का आदेश।

नई दिल्ली : मिली जानकारी के अनुसार एक सप्ताह तक जारी भारी अव्यवस्था और उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने के बाद इंडिगो ने मंगलवार को दावा किया कि उसका परिचालन अब सामान्य हो चुका है। हालांकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस दावे को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। मंत्रालय का मानना है कि सर्दियों के व्यस्त मौसम में यह एयरलाइन अपने वादों के अनुरूप उड़ानें संचालित कर पाएगी या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। इसी वजह से नियामक एजेंसी डीजीसीए ने विंटर 2025 सीजन के लिए इंडिगो पर बड़ा फैसला लागू किया है।

डीजीसीए ने इंडिगो की उड़ानों में दस प्रतिशत की कटौती का आदेश दिया है। यह फैसला उस समय लिया गया जब इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने मंत्रालय में तलब कर स्थिति की गंभीरता बताई। इससे पहले सोमवार देर शाम डीजीसीए ने पांच प्रतिशत कटौती का निर्देश जारी किया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर दस प्रतिशत कर दिया गया। इसका अर्थ यह है कि इंडिगो इस सीजन में प्रति सप्ताह लगभग पंद्रह सौ उड़ानें कम संचालित करेगी। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार विंटर शेड्यूल के लिए एयरलाइन ने पंद्रह हजार चौदह साप्ताहिक उड़ानों की मंजूरी ली थी, जिनमें अब कटौती लागू कर दी गई है।

मंत्रालय का कहना है कि यह कदम परिचालन को स्थिर करने और अचानक होने वाले रद्दीकरण को रोकने के लिए आवश्यक है। कटौती मुख्य रूप से उन मार्गों पर की गई है जहां सबसे ज्यादा मांग है और उड़ानों का दबाव लगातार बना रहता है। जहां इंडिगो अकेली उड़ान संचालित करती है, वहां प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए समायोजन किया जाएगा ताकि यात्रियों को विकल्प मिलते रहें।

उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि इंडिगो के आंतरिक क्रू रोस्टरिंग, शेड्यूल प्रबंधन और कम्युनिकेशन में गंभीर खामियां सामने आई हैं, जिनकी वजह से यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। मंत्री ने कहा कि जांच जारी है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इंडिगो के कुल रूट नेटवर्क में दस प्रतिशत कटौती तत्काल प्रभाव से लागू होगी।

इसके बावजूद इंडिगो अपने सभी गंतव्यों तक उड़ानें जारी रखेगी, हालांकि संख्या में कमी होगी। इसका असर सर्दियों में हवाई यात्रा को प्रभावित कर सकता है क्योंकि अन्य एयरलाइंस इंडिगो की जगह भरने की स्थिति में नहीं दिख रही हैं। एयर इंडिया विस्तार की प्रक्रिया से गुजर रही है, स्पाइसजेट के पास सिर्फ उन्नीस सक्रिय विमान हैं और अकाशा एयर पायलटों व रखरखाव संबंधी चुनौतियों से जूझ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बिना पूरी तैयारी के इंडिगो की उड़ानों को अन्य कंपनियों को स्थानांतरित किया गया तो किराए बढ़ सकते हैं और उड़ानों के रद्द होने की संख्या भी बढ़ सकती है।

डीजीसीए ने अपने नोटिस में यह भी बताया कि नवंबर में इंडिगो 64,346 मंजूर उड़ानों में से 59,438 ही संचालित कर पाई और 951 उड़ानें रद्द हुईं। इसके अलावा विमान उपलब्धता भी अनुमान से काफी कम रही। अक्टूबर में 403 विमानों के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 339 विमान परिचालन में थे और नवंबर में यह संख्या 344 रही। नियामक के अनुसार नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों ने क्रू की कमी को और बढ़ा दिया है, जिससे परिचालन प्रभावित हुआ।

भारत का विमानन उद्योग पहले से ही पायलटों की कमी और विमान रखरखाव संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहा है। जून 2025 तक कुल 694 विमान परिचालन में थे, जबकि वर्ष के अंत तक यह संख्या बढ़कर 800 से अधिक पहुंच गई है। लेकिन हर नए विमान के परिचालन के लिए दस से पंद्रह पायलटों की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि मौजूदा जरूरतों को पूरा करने के लिए कम से कम 1500 से 2100 नए पायलटों की भर्ती जरूरी होगी।

इन परिस्थितियों में इंडिगो पर लागू की गई कटौती केवल अस्थायी समाधान मानी जा रही है। असली चुनौती यह है कि क्या देश की सभी विमानन कंपनियां संयुक्त रूप से व्यस्त सर्दियों के मौसम की मांग पूरी कर पाएंगी या नहीं। आने वाले हफ्ते इसका स्पष्ट संकेत देंगे।

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