वाराणसी में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने बृहस्पतिवार को नशीली औषधियों की अनियमित बिक्री के खिलाफ बड़ी और व्यापक कार्रवाई की। यह अभियान जिले के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एक साथ संचालित किया गया, जिसमें लखनऊ और वाराणसी से आए कुल 10 औषधि निरीक्षकों की संयुक्त टीम शामिल रही। टीम ने जिलाधिकारी कार्यालय के निर्देश पर प्रमुख थोक विक्रेताओं और सप्लाई से जुड़ी फर्मों की गहन जांच की और मौके पर कई गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। पूरे अभियान का नेतृत्व आयुक्त रौशन जैकब ने किया, जिन्होंने बताया कि यह कार्रवाई राज्यभर में चल रहे औषधि नियंत्रण अभियान का एक आवश्यक हिस्सा है और इसका उद्देश्य नशीली दवाओं की अवैध बिक्री पर रोक लगाना है ताकि समाज में फैल रही दुरुपयोग की प्रवृत्ति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके।
छापेमारी के दौरान टीम ने पाया कि कई प्रतिष्ठानों में नशीली औषधियों की बिक्री और भंडारण के लिए आवश्यक नियमों का पालन नहीं किया गया था। कई फर्मों में स्टॉक रजिस्टर ठीक नहीं थे, लाइसेंस दस्तावेज अधूरे थे और कई स्थानों पर ऐसी दवाइयों की खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड नहीं मिला जिन पर सख्त नियंत्रण आवश्यक होता है। इन अनियमितताओं को गंभीर मानते हुए अधिकारियों ने कार्रवाई को बिना देरी आगे बढ़ाया और कुल 51 दुकानों को मौके पर ही सील कर दिया। साथ ही 12 फर्मों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अधिकारियों ने इन प्रतिष्ठानों के ड्रग लाइसेंस भी निलंबित कर दिए हैं और सभी से भंडारण, वितरण, खरीद बिक्री से जुड़ी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया है।
अभियान के दौरान जिन फर्मों पर कार्रवाई की गई उनमें एप्को मेडिकेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, महाकाल मेडिकल स्टोर, डीएसए फार्मा, निशांत फार्मा, हरिओम फार्मा, जीडी इंटरप्राइजेज, न्यू पीएल फार्मा, आशा डिस्ट्रीब्यूटर्स, न्यू वृद्धि फार्मा, पीडी फार्मा, पूर्णा फार्मा और खुशी मेडिकल शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन फर्मों में नशीली दवाओं के भंडारण और बिक्री से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज अनुपलब्ध मिले, जबकि कुछ स्थानों पर बिना अनुमति के संवेदनशील औषधियों का लेनदेन किया जा रहा था। विभाग ने कहा है कि इन मामलों की पूरी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार यह पूरा अभियान राज्य स्तर पर चल रही रणनीतिक पहल का हिस्सा है जो नशीली औषधियों की अवैध उपलब्धता पर सख्त नियंत्रण स्थापित करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है। रौशन जैकब ने स्पष्ट किया कि सरकार नशीली दवाओं से जुड़े गलत कारोबार को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेगी और आगे भी इस तरह की कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग का प्रयास है कि जिन दुकानों या वितरण केंद्रों को औषधियों की बिक्री की अनुमति दी गई है वे नियमों का पालन करें और दवाओं के दुरुपयोग को रोकने में सहयोग करें। विभाग के अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि यह अभियान अवैध व्यापार को काफी हद तक नियंत्रित करेगा और आगे भी आवश्यकता के अनुसार ऐसे जांच अभियान जारी रहेंगे।
वाराणसी में नशीली दवाओं पर बड़ा एक्शन, 51 दुकानें सील 12 पर प्राथमिकी दर्ज

वाराणसी में खाद्य सुरक्षा विभाग ने नशीली दवाओं की अवैध बिक्री के खिलाफ अभियान चलाकर 51 दुकानें सील कीं और 12 पर FIR दर्ज कराई।
Category: uttar pradesh varanasi crime
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