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गहना वशिष्ठ: ग्लैमर गर्ल से कानूनी विवादों तक, एक कहानी जो अब भी है जारी

गहना वशिष्ठ: ग्लैमर गर्ल से कानूनी विवादों तक, एक कहानी जो अब भी है जारी

अभिनेत्री गहना वशिष्ठ ग्लैमर की दुनिया से अश्लील वीडियो बनाने के आरोपों और कानूनी विवादों में फंसी हैं, उनकी गिरफ्तारी फरवरी 2021 में हुई थी।

मुंबई: कभी अपने ग्लैमरस अंदाज़ और बोल्ड वेब सीरीज़ भूमिकाओं के लिए सुर्खियों में रहने वाली अभिनेत्री गहना वशिष्ठ, आज भी चर्चा में हैं। लेकिन इस बार उनके अभिनय से ज़्यादा, उन पर लगे आरोपों और कानूनी पेचीदगियों को लेकर। असली नाम वंदना तिवारी, जिन्होंने मॉडलिंग से लेकर मिस एशिया बिकिनी का खिताब जीता और फिर वेब सीरीज़ की दुनिया में कदम रखा। गहना ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी, लेकिन उनके करियर का ग्राफ तब अचानक बदल गया जब उनका नाम अश्लील वीडियो निर्माण और प्रसारण से जुड़े एक बड़े मामले में सामने आया।

गहना वशिष्ठ का सफर छोटे शहर चिरिमिरी (छत्तीसगढ़) से शुरू हुआ। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद मॉडलिंग की दुनिया में कदम रखा, और देखते ही देखते विज्ञापनों और कैलेंडर शूट की पहचान बन गईं। 2012 में उन्होंने टीवी जगत में प्रवेश किया और गंदी बात जैसी वेब सीरीज़ के जरिए अपना नाम बनाया। उनका कहना था कि वे बोल्ड किरदार निभाने से नहीं डरतीं, क्योंकि कला को सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता। अपने आत्मविश्वासी व्यक्तित्व और बेबाक अंदाज़ के चलते गहना को सोशल मीडिया पर बड़ी फैन फॉलोइंग मिली।

फरवरी 2021 में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गहना वशिष्ठ को अश्लील फिल्में शूट और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस का दावा था कि यह एक संगठित नेटवर्क है, जिसमें कई कलाकार और निर्माता शामिल थे। मामला तब और सुर्खियों में आया जब बिज़नेसमैन राज कुंद्रा का नाम भी इसमें सामने आया।

गहना ने हालांकि इन आरोपों को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि उन्होंने कोई पोर्नोग्राफिक सामग्री नहीं बनाई, बल्कि एरोटिक यानी बोल्ड थीम वाले शॉर्ट फिल्म्स का निर्माण किया था, जिन्हें कानूनी रूप से शूट किया गया था। उनका तर्क था कि कानून और समाज को एरोटिका और पॉर्न में स्पष्ट अंतर समझना चाहिए।

गहना को गिरफ्तारी के बाद जमानत तो मिल गई, लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि आरोप गंभीर हैं और जांच अभी अधूरी है। 2022 में उन्होंने डिस्चार्ज याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्हें गलत तरीके से मामले में फंसाया गया है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जांच एजेंसी ने उन्हें बलि का बकरा बनाया है जबकि असली संचालकों और प्रोड्यूसरों को बचाया जा रहा है। गहना का कहना है कि उन्होंने जो भी काम किया, वह अनुबंधित और पेशेवर समझौते के तहत हुआ।

इस केस में एक और बड़ा मोड़ तब आया जब गहना वशिष्ठ ने दावा किया कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनसे 15 लाख रुपये की रिश्वत मांगी ताकि उन्हें गिरफ़्तारी से बचाया जा सके। यह आरोप भले ही साबित नहीं हुआ, लेकिन इससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए।

गहना ने मीडिया में कहा कि अगर वह अपराधी होतीं, तो वे खुलेआम अपनी बात सार्वजनिक मंचों पर नहीं रखतीं। उनका कहना था, मैंने कोई गलत काम नहीं किया, सिर्फ बोल्ड सिनेमा बनाया। यह कंटेंट हर देश में बनाया जाता है, लेकिन भारत में इसे टैबू समझा जाता है।

2021 में शूटिंग के दौरान गहना को अचानक दिल का दौरा (cardiac arrest) पड़ा। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें शारीरिक थकान और तनाव की वजह से सांस लेने में तकलीफ हुई। उस समय भी वे कई कानूनी लड़ाइयों का सामना कर रही थीं।

स्वास्थ्य सुधरने के बाद उन्होंने फिर से मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखी। गहना ने कहा कि उन्हें झूठे आरोपों से तोड़ा नहीं जा सकता, और वे अपनी निर्दोषता साबित करने तक लड़ती रहेंगी।

2022 में एक और विवाद ने गहना को परेशान कर दिया, जब मुंबई के मलाड वेस्ट में स्थित उनके फ्लैट पर कुछ लोगों ने कथित रूप से कब्ज़ा कर लिया। गहना ने शिकायत दर्ज कराई और कहा कि फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर उनकी संपत्ति पर कब्ज़ा किया गया है। पुलिस ने मामले में जांच शुरू की और आरोपियों को समन जारी किया।

गहना वशिष्ठ का केस सिर्फ एक अभिनेत्री या एक विवाद की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज की मानसिकता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कला की सीमाओं पर चल रही पुरानी बहस का प्रतीक बन गया है। जब एक ओर समाज बोल्ड कंटेंट को आधुनिकता का प्रतीक मानता है, वहीं दूसरी ओर वही समाज इसे नैतिकता का उल्लंघन भी कह देता है।

गहना का कहना है कि कला को अपराध नहीं कहा जा सकता। उनका दावा है कि उनके काम का उद्देश्य मनोरंजन था, न कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना।

गहना वशिष्ठ के खिलाफ कई मुकदमे अब भी अदालतों में लंबित हैं। उनकी डिस्चार्ज याचिका पर सुनवाई जारी है और अदालत ने अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं दिया है। फिलहाल वे मीडिया, सोशल मीडिया और कानूनी माध्यमों से लगातार अपनी सफाई पेश कर रही हैं।

गहना का कहना है कि वह अपनी निर्दोषता पर भरोसा रखती हैं और उन्हें उम्मीद है कि सच्चाई एक दिन सबके सामने आ जाएगी।

गहना वशिष्ठ की कहानी सिर्फ एक अभिनेत्री की नहीं, बल्कि एक ऐसी महिला की है जिसने अपने हक और प्रतिष्ठा के लिए पूरे तंत्र से मुकाबला किया। एक ओर शोहरत की चमक, दूसरी ओर अदालत की जद्दोजहद। इन दोनों के बीच गहना की ज़िंदगी आज भी एक चलती हुई कहानी है, जो हर बार यह सवाल छोड़ जाती है, क्या बोल्ड होना अपराध है या अभिव्यक्ति की आज़ादी का हिस्सा?

यह मामला आने वाले समय में भारतीय डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री के लिए एक मिसाल बन सकता है। जहां मनोरंजन और अपराध की परिभाषाओं के बीच की रेखा और भी साफ़ नज़र आएगी।

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