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गोरखपुर पुलिस फर्जी IAS गौरव कुमार की तलाश में, लखनऊ पहुंची टीम

गोरखपुर पुलिस फर्जी IAS गौरव कुमार की तलाश में, लखनऊ पहुंची टीम

गोरखपुर पुलिस फर्जी आईएएस गौरव कुमार की तलाश में जुटी है जिसने नौकरी और ठेके के नाम पर करोड़ों की ठगी की।

गोरखपुर पुलिस एक फर्जी आईएएस अधिकारी बने घूम रहे गौरव कुमार की तलाश में लगातार दबिशें दे रही है। यह व्यक्ति नौकरी और सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर लोगों से भारी रकम लेने के आरोप में जांच के दायरे में है। पिछले कई महीनों से वह खुद को 2022 बैच का आईएएस अधिकारी बताकर लोगों को विश्वास में लेता रहा। उसकी धोखाधड़ी का दायरा बढ़ते बढ़ते अब लखनऊ तक पहुंच गया है। साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की संयुक्त जांच में उसकी हाल की लोकेशन लखनऊ में सक्रिय मिली है, जिसके बाद गोरखपुर पुलिस की एक टीम उसे पकड़ने के लिए राजधानी रवाना कर दी गई है।

मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब हाल ही में रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए मोकामा के व्यापारी मुकुंद माधव ने पुलिस को ऐसी जानकारी दी जिससे गौरव कुमार का नेटवर्क और स्पष्ट हो गया। व्यापारी के पास से लगभग 99.09 लाख रुपये बरामद किए गए थे और पूछताछ में उसने बताया कि वह गौरव के संपर्क में था। पुलिस को संदेह है कि गौरव कुमार कई राज्यों में ऐसे लोगों को सरकारी पद, संविदा आधारित नौकरी और बड़े ठेकों का लालच देकर करोड़ों रुपये ठग चुका है। वह अपने युवाओं को दिए गए झूठे आश्वासन और प्रभावशाली पहचान कार्ड दिखाकर भरोसा जीत लेता था। यही वजह थी कि उसके संपर्क में आने वाले कई लोग बिना शक किए उसके जाल में फंस गए।

गौरव पर आर्थिक अपराधों के साथ साथ गंभीर व्यक्तिगत अपराध का भी आरोप लगा है। पटना में एक युवती ने उसके खिलाफ शादी का झांसा देकर शोषण करने का मामला दर्ज कराया था। यह मामला अभी जांच के अधीन है, लेकिन इसी बीच मंगलवार को एक और युवती पुलिस कार्यालय पहुंची और गौरव पर यौन शोषण का आरोप लगाया। उसने कहा कि रविवार को गौरव ने उसे एक अनजान नंबर से कॉल किया और संपर्क साधने की कोशिश की। पुलिस ने फोन नंबर को ट्रेस किया तो उसकी लोकेशन लखनऊ में सक्रिय पाई गई। इस इनपुट के बाद गोरखपुर पुलिस ने तुरंत लखनऊ पुलिस से संपर्क कर एक विशेष टीम को वहां भेज दिया ताकि गौरव कुमार को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।

पुलिस के अनुसार गौरव लगातार शहर बदलता रहता है और अपनी पहचान छिपाने के लिए अलग अलग फोन नंबर का इस्तेमाल करता है। वह खुद को आईएएस अधिकारी बताने के साथ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का हवाला भी देता था ताकि लोग उसके सामने विश्वास जताएं। कई शिकायतों में यह बात सामने आई है कि वह सरकारी भवनों में प्रवेश के लिए फर्जी पास और दस्तावेज भी दिखाता था और ऐसी भाषा में बात करता था कि लोग आसानी से उसके झांसे में आ जाते थे। पुलिस को आशंका है कि गौरव के पास बड़ी मात्रा में ऐसे नकली दस्तावेज हो सकते हैं जिनका उपयोग वह बैंकिंग और वित्तीय धोखाधड़ी में करता रहा है। टीम इस बात की भी जांच कर रही है कि उसके संपर्क में कौन कौन लोग पहले आ चुके हैं और किन किन से उसने पैसे लिए हैं।

गोरखपुर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी को गौरव कुमार के बारे में जानकारी हो या यदि कोई व्यक्ति उसकी ठगी का शिकार हुआ हो तो वह तुरंत पुलिस से संपर्क करे। अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले को उच्च प्राथमिकता पर रखा गया है और लखनऊ में लगातार खोजबीन की जा रही है। पुलिस टीम ने उन स्थानों की पहचान भी शुरू कर दी है जहां गौरव के रहने या छिपने की संभावना हो सकती है। टीम स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर होटल, लॉज, किराए के मकानों और उन इलाकों में भी जांच कर रही है जहां वह पहले दिखाई दिया था। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस मामले में महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है और आरोपी को कानूनी कार्रवाई के लिए हिरासत में लिया जाएगा।

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