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आईआईटी बीएचयू प्लेसमेंट सीजन 2024-25 में मजबूत प्रदर्शन, 1416 ऑफर मिले

आईआईटी बीएचयू प्लेसमेंट सीजन 2024-25 में मजबूत प्रदर्शन, 1416 ऑफर मिले

आईआईटी बीएचयू ने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद प्लेसमेंट सीजन 2024-25 में 1416 ऑफर प्राप्त किए हैं।

आईआईटी बीएचयू ने प्लेसमेंट सीजन 2024 से 2025 में मजबूत प्रदर्शन किया है और कुल 1416 प्लेसमेंट ऑफर प्राप्त किए हैं। यह जानकारी संस्थान के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट प्रकोष्ठ द्वारा जारी की गई है। यह आंकड़ा एक दिसंबर 2024 से बारह नवंबर 2025 की अवधि का है। वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और रोजगार बाजार की अनिश्चितता के बावजूद कई बड़ी कंपनियों ने आईआईटी बीएचयू के छात्रों पर भरोसा जताया है।

संस्थान के अनुसार बीटेक कार्यक्रम के छात्रों को सबसे अधिक 952 ऑफर मिले। बाकी ऑफर आईडीडी इंटीग्रेटेड ड्यूल डिग्री और एमटेक कार्यक्रमों के छात्रों को प्राप्त हुए। प्लेसमेंट प्रकोष्ठ ने बताया कि छात्रों को 297 प्री प्लेसमेंट ऑफर भी उद्योग आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों और परियोजनाओं के माध्यम से मिले। इस वर्ष का सर्वोच्च पैकेज 2.20 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष रहा जबकि औसत पैकेज 24.49 लाख रुपये वार्षिक दर्ज किया गया। ये आंकड़े दिखाते हैं कि शीर्ष कंपनियों ने छात्रों की क्षमता और तकनीकी दक्षता पर विश्वास बनाए रखा।

इस साल कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भर्ती प्रक्रिया में भाग लिया। प्रमुख रूप से गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न, सिस्को, उबर, जेडएस एसोसिएट्स, जेपी मॉर्गन चेस, डीई शॉ, गोल्डमैन सैक्स, एनवीडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मास्टरकार्ड, डेटाब्रिक्स, मैकेंजी एंड कंपनी, ड्यूश बैंक, वेल्स फार्गो, फ्लिपकार्ट, ग्रो, बजाज, मेशो, पिरामल फाइनेंस, स्क्वेयर पॉइंट, पेसस्टॉक, रुब्रिक, कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया और सैमसंग शामिल रहे। इन कंपनियों की उपस्थिति यह दर्शाती है कि संस्थान की मांग उद्योग जगत में लगातार मजबूत बनी हुई है।

हालांकि देश के अन्य आईआईटी में स्थिति उतनी संतोषजनक नहीं रही। देशभर के 23 आईआईटी में बीटेक छात्रों की औसत प्लेसमेंट दर में गिरावट देखी गई। वर्ष 2021 से 2022 में जहां यह करीब 90 प्रतिशत थी वहीं 2023 से 2024 में यह घटकर 80 प्रतिशत रह गई। औसत वार्षिक वेतन भी 23.45 लाख रुपये से घटकर 22.7 लाख रुपये रह गया। विशेषज्ञों के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन के बढ़ते उपयोग, बदलती औद्योगिक आवश्यकताएं, छात्रों की बढ़ी अपेक्षाएं और वैश्विक आर्थिक सुस्ती जैसे कारण इस कमी के लिए जिम्मेदार हैं।

इसी तरह आठ सेकेंड जनरेशन आईआईटी में भी गिरावट देखी गई। इनमें आईआईटी बीएचयू वाराणसी, आईआईटी आईएसएम धनबाद, आईआईटी पलक्कड़, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी भिलाई, आईआईटी गोवा, आईआईटी जम्मू और आईआईटी धारवाड़ शामिल हैं। इन संस्थानों में प्लेसमेंट दर 87.8 प्रतिशत से गिरकर 80.5 प्रतिशत तक आ गई। औसत वेतन भी 19.6 लाख रुपये से घटकर 18.6 लाख रुपये रह गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति तकनीकी नौकरी बाजार में बदलती चुनौतियों को दर्शाती है और कंपनियों की भर्ती रणनीतियों में आए बदलाव को भी दिखाती है।

इन चुनौतियों के बावजूद आईआईटी बीएचयू ने इस वर्ष मजबूत उपस्थिति दर्ज की है और शीर्ष कंपनियों ने यहां के छात्रों में लगातार रुचि दिखाई है। संस्थान का प्रदर्शन यह बताता है कि इसके छात्र तेजी से बदलते औद्योगिक माहौल में भी प्रतिस्पर्धी बने हुए हैं।

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