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कानपुर के मामा तालाब को मिलेगी नई पहचान, शोधित जल से होगा पुनर्जीवन

कानपुर के मामा तालाब को मिलेगी नई पहचान, शोधित जल से होगा पुनर्जीवन

कानपुर के मामा तालाब को आधुनिक एसटीपी से नया जीवन मिलेगा, आसपास के नालों का पानी शोधित कर तालाब में प्रवाहित किया जाएगा।

कानपुर के मसवानपुर क्षेत्र स्थित मामा तालाब को अब एक नई पहचान मिलने जा रही है। लंबे समय तक उपेक्षा और अवैध कब्जों के बीच खो चुकी इस जल संरचना का पुनर्जीवन अब आधुनिक तकनीक की मदद से किया जाएगा। तालाब में शोधित पानी पहुंचाने के लिए एक नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होने जा रहा है। यह कानपुर का पहला तालाब होगा जहां आसपास के नालों का पानी शोधन के बाद तालाब में प्रवाहित किया जाएगा। केडीए ने इस पूरी व्यवस्था के निर्माण के लिए आठ दिसंबर तक टेंडर मांगे हैं।

कई वर्षों तक यह तालाब अवैध कूड़ा फेंकने और धीरे धीरे पाटे जाने की समस्या से जूझता रहा। स्थानीय लोग इसकी दुर्दशा देखते थे लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था। लगभग तीन साल पहले अमर उजाला द्वारा चलाए गए अभियान के बाद नगर निगम ने तालाब के सुंदरीकरण पर काम शुरू किया। पहले चरण में तालाब की बाउंड्री, दो प्रवेश द्वार, पाथवे, रेलिंग, पौधरोपण और टॉयलेट ब्लाक जैसे कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। इन बदलावों के बाद तालाब का स्वरूप काफी हद तक सुधर चुका है।

अब इस पहल के दूसरे चरण में तालाब में 100 केएलडी क्षमता वाला एसटीपी स्थापित किया जाएगा। यह प्लांट ईबीआर, एमबीआर, ओजोन और यूवी ट्रीटमेंट तकनीक पर आधारित होगा। साथ ही यह ग्रिड से जुड़े सोलर पावर पर चलेगा जिससे ऊर्जा की बचत होगी और परिचालन लागत कम होगी। प्लांट के निर्माण और पांच वर्ष तक संचालन के लिए केडीए ने एक अलग टेंडर आमंत्रित कर दिया है। एसटीपी की अनुमानित लागत 1.05 करोड़ रुपये है जबकि दूसरे चरण के अन्य कार्यों पर लगभग पौने छह करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

नगर निगम के मुख्य अभियंता आर आर पी सिंह ने बताया कि मसवानपुर के आसपास के नाले सीधे एसटीपी में जाएंगे जहां उनका शोधन किया जाएगा। इसके बाद साफ किया गया पानी तालाब में छोड़ा जाएगा। इस व्यवस्था से तालाब का जलस्तर पूरे वर्ष संतुलित रहेगा और जलीय जीवों के लिए अनुकूल वातावरण बनेगा। साथ ही तालाब के आसपास भूगर्भ जल स्तर भी सुधार की दिशा में बढ़ेगा जिससे स्थानीय निवासियों को दीर्घकालिक लाभ होगा।

केडीए ने बताया है कि शहर के अन्य क्षेत्रों में भी आधुनिक एसटीपी स्थापित करने की योजना है। कालिंदीनगर और महावीरनगर विस्तार नगर योजना में 4.50 एमएलडी क्षमता का एसटीपी स्थापित किया जाएगा। यह प्लांट सिक्वेंशियल बैच रिएक्टर तकनीक पर आधारित होगा और इसकी अनुमानित लागत 18.19 करोड़ रुपये रखी गई है। ठेकेदार कंपनी पांच साल तक स्वयं प्लांट का संचालन और रखरखाव करेगी। इन परियोजनाओं के लिए भी आठ दिसंबर तक टेंडर जमा किए जा सकते हैं।

मामा तालाब की नई व्यवस्था न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह शहर में जल संरक्षण और तालाबों के पुनर्जीवन का एक मॉडल भी बन सकती है। यदि निर्धारित अवधि में कार्य पूरे हुए तो कानपुर के इस ऐतिहासिक तालाब को एक नया और बेहतर जीवन मिल सकेगा।

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