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लखनऊ में विदेश नौकरी के नाम पर बड़ी ठगी का खुलासा, दर्जनों युवक हुए शिकार

लखनऊ में विदेश नौकरी के नाम पर बड़ी ठगी का खुलासा, दर्जनों युवक हुए शिकार

लखनऊ में चिनार ट्रैवेल एजेंसी ने 33 बेरोजगारों से विदेश नौकरी के नाम पर लाखों रुपये ठगे, फर्जी टिकट थमाए।

लखनऊ में विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। विभूतिखंड क्षेत्र स्थित चिनार ट्रैवेल एंड ट्रेड लिंक नामक मैनपावर सर्विस एजेंसी पर दर्जनों बेरोजगार युवकों से भारी रकम वसूलने और फर्जी टिकट जारी करने का आरोप लगा है। कई युवक नौकरी का सपना लेकर एयरपोर्ट पहुंचे, लेकिन टिकट की जांच के दौरान जब अधिकारियों ने दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई तो उनकी खुशी पल भर में निराशा में बदल गई। जिन युवकों को विदेश भेजने का वादा किया गया था उनके टिकट या तो फर्जी निकले या पहले से कैंसिल कर दिए गए थे। इसके बाद युवकों को यात्रा की अनुमति नहीं दी गई और वे मजबूरी में वापस लौट आए।

आरोप लगाने वाले युवकों में आस मुहम्मद समेत कुल 33 युवक शामिल हैं जिन्होंने पुलिस को बताया कि एजेंसी ने उन्हें रूस, सिंगापुर और अन्य कई देशों में नौकरी दिलाने का भरोसा दिया था। एजेंसी ने सभी से पासपोर्ट और जरूरी दस्तावेज जमा कराने के साथ दो दो लाख रुपये की मांग की। युवकों ने यह रकम कभी ऑनलाइन तो कभी नकद भुगतान के रूप में जमा की। उनके अनुसार एजेंसी का दावा था कि चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से रवाना किया जाएगा। इसी आधार पर युवकों को मुंबई, दिल्ली और चेन्नई एयरपोर्ट भेजा गया।

लेकिन एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्हें पता चला कि टिकट या तो पूरी तरह फर्जी थे या एजेंसी द्वारा पहले ही रद्द करा दिए गए थे। कई युवकों ने बताया कि एजेंसी की तरफ से एयरपोर्ट पर पासपोर्ट लौटाने की बात कही गई थी, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें कोई दस्तावेज नहीं मिला। वापस लखनऊ लौटने पर यह खुलासा हुआ कि जिस कार्यालय में वे बार बार संपर्क कर रहे थे वह पिछले पंद्रह दिनों से बंद पड़ा है।

पीड़ितों ने आरोप लगाया कि एजेंसी के मालिक और कर्मचारियों के सभी मोबाइल नंबर या तो बंद मिले या किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। युवकों का कहना है कि एजेंसी ने न केवल उनसे मोटी रकम ली बल्कि उनके भविष्य से भी क्रूर मजाक किया। शिकायतकर्ताओं में आविद अली, नागेंद्र कुमार, रामवचन, हरिंदर, समरजीत, सद्दाम, उमर, शाह आलम, अंगद, अरमान, सूरज सिंह, अशोक, संतोष, हकीमुल्लाह, फिजान, शमसाद, जुवेद, सोनू कुमार, राजकुमार, विकास, शिवांक, सोनू अंसारी, सिकंदर, निरज, मोतिउल्लाह और कई अन्य युवा शामिल हैं। सभी ने बताया कि उनसे बराबर रकम ली गई और सभी को फर्जी टिकट देकर धोखा दिया गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी पूर्वी के आदेश पर विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर अमर सिंह ने बताया कि एजेंसी से जुड़े लोगों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की मदद ली जा रही है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि यह मामला बड़े गिरोह से जुड़ा हो सकता है क्योंकि युवकों से लिए गए पैसों का हिसाब अब तक सामने नहीं आया है। विभाग ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे।

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