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मुरादाबाद: दिल्ली लखनऊ हाईवे पर भीषण बस-ऑटो टक्कर, मां-बेटी समेत छह की मौत

मुरादाबाद: दिल्ली लखनऊ हाईवे पर भीषण बस-ऑटो टक्कर, मां-बेटी समेत छह की मौत

मुरादाबाद में दिल्ली लखनऊ हाईवे पर भीषण बस-ऑटो टक्कर, मां-बेटी समेत छह लोगों की दर्दनाक मौत, कई घायल अस्पताल में भर्ती हैं।

मुरादाबाद: दिल्ली लखनऊ हाईवे पर रफातपुर अंडरपास के पास रविवार दोपहर हुए भीषण हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। मेरठ डिपो की तेज रफ्तार बस ने एक ऑटो में टक्कर मार दी, जिसमें मां बेटी समेत छह लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई शवों के शरीर चकनाचूर और सिर की हड्डियां टूटी मिलीं।

कुंदरकी के अब्दुल्लापुर गांव निवासी करन सिंह का परिवार रविवार को अपने रिश्तेदार धर्मपाल की बेटी संध्या की शादी में शामिल होने जा रहा था। करन अपनी पत्नी सीमा, बेटी अनाया, रिश्तेदारों और पड़ोसियों सहित कुल दस लोगों के साथ गांव के ही संजू सिंह के ऑटो में सवार होकर रफातपुर की ओर रवाना हुए थे। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जैसे ही ऑटो रफातपुर अंडरपास के करीब पहुंचा, पीछे से आ रही तेज रफ्तार बस ने जोरदार टक्कर मार दी।

टक्कर इतनी भीषण थी कि ऑटो के परखच्चे उड़ गए। मौके पर ही ऑटो चालक संजू सिंह, करन की पत्नी सीमा, बेटी अनाया, भतीजा अभय, बहन सुमन और मुरारी की बेटी आरती की मौत हो गई। बाद में पता चला कि सुमन सात माह की गर्भवती थी। दूसरी ओर घायलों में करन सिंह, झलक, अंशु, अनुष्का और रानी शामिल हैं, जिनका अलग अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है।

हादसे के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और डीएम के निर्देश पर रविवार रात 11 बजे से सोमवार सुबह चार बजे तक दो डॉक्टरों की टीम ने पांच घंटे में सभी शवों का पोस्टमार्टम पूरा किया। सोमवार को मिली रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि सीमा, सुमन और संजू सिंह की मौत सिर की हड्डियां टूटने और तेज रक्तस्राव के कारण हुई। वहीं अनाया, अभय और आरती के शरीर बुरी तरह क्षतिग्रस्त मिले और कई हड्डियां टूट चुकी थीं।

घटना के बाद मृतकों के परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। सोमवार सुबह अब्दुल्लापुर गांव में पांच शव यात्राएं निकलीं। रामगंगा किनारे स्थित श्मशान घाट तक पहुंचना ही शोकाकुल परिजनों के लिए एक और परीक्षा बन गया। पगडंडी और खेतों के बीच एक किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ा। लकड़ी और उपलों से लदी ट्राली को ले जाने के लिए स्थानीय लोगों ने चकरोड को रोटावेटर से समतल करना पड़ा। ग्रामीणों ने श्मशान घाट की भूमि और रास्ता कब्जा मुक्त कराने की मांग उठाई।

हादसे के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। भाजपा विधायक रामवीर सिंह और सपा विधायक हाजी मोहम्मद रिजवान ने मृतकों के घर जाकर परिजनों को सांत्वना दी। विधायक रामवीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के बाद प्रत्येक मृतक के परिवार को दो लाख रुपये और घायलों को पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

कटघर थाना पुलिस ने करन सिंह के भाई चमन की तहरीर पर बस चालक के खिलाफ बीएनएस की धारा 281, 125 बी और 106 1 में प्राथमिकी दर्ज की है। हादसे के बाद चालक मौके से फरार हो गया था और उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने कहा है कि बस चालक के लापरवाहीपूर्ण रवैये के कारण यह भयावह हादसा हुआ।

यह दुर्घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि राज्य की सड़कों पर तेज रफ्तार का कहर कब थमेगा। साथ ही ग्रामीण इलाकों में श्मशान घाटों और मूलभूत ढांचे की अनदेखी भी उजागर हो रही है, जहां अंतिम संस्कार तक के लिए रास्ता उपलब्ध नहीं है।

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