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वाराणसी: गंगा क्रूज पर NSG का आतंकी हमले का मॉकड्रिल, सुरक्षाबलों ने परखी तैयारी

वाराणसी: गंगा क्रूज पर NSG का आतंकी हमले का मॉकड्रिल, सुरक्षाबलों ने परखी तैयारी

वाराणसी के रविदास घाट पर गंगा क्रूज पर NSG ने आतंकी हमले का मॉकड्रिल किया, जिसमें सुरक्षाबलों ने अपनी तैयारियों को परखा।

वाराणसी में शुक्रवार की सुबह गंगा किनारे एक ऐसा दृश्य दिखाई दिया जिसने कुछ देर के लिए लोगों को स्थिति की गंभीरता का अहसास करा दिया, हालांकि बाद में साफ हुआ कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की मॉकड्रिल का हिस्सा था। रविदास घाट पर खड़े एक क्रूज पर अचानक तेज धमाका हुआ और तुरंत ही गाढ़ा धुआं फैल गया। कुछ ही क्षणों में आसपास की विजिबिलिटी कम हो गई और पूरा इलाका सायरन और कमांडो गतिविधियों से भर गया। धमाके की आवाज के बाद NSG की टीम ने तत्काल मोर्चा संभाला। कमांडो ने बिना वक्त गंवाए गंगा में छलांग लगाई, तेजी से क्रूज की ओर बढ़े और उसे चारों दिशाओं से घेर लिया। इस पूरे अभ्यास का उद्देश्य यह परखना था कि किसी भी संभावित आतंकी हमले की स्थिति में सुरक्षा बल कितनी तेजी से प्रतिक्रिया दे सकते हैं और किस तरह से यात्रियों को सुरक्षित निकाल सकते हैं।

मॉकड्रिल के दौरान NSG के जवानों ने उन सभी स्थितियों का अभ्यास किया जिनका सामना किसी वास्तविक हमले में करना पड़ सकता है। क्रूज पर धुआं छोड़ते हुए ऐसी परिस्थिति बनाई गई कि जैसे अंदर विस्फोट हुआ हो और यात्री घायल हों। कमांडो टीम ने पहले घायलों की तलाश की, उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला और फिर काल्पनिक आतंकियों को मार गिराने की रणनीति पर अमल किया। जवानों ने पानी और क्रूज दोनों जगहों पर एक साथ अभियान चलाया ताकि यह परखा जा सके कि किसी आपात स्थिति में दोनों दिशा से दबाव बनाकर खतरे को कितनी प्रभावी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। यह पूरा अभ्यास वास्तविक परिस्थितियों जैसा दिखे इसके लिए क्रूज और आसपास के क्षेत्र में धुआं छोड़कर माहौल को नियंत्रित तरीके से चुनौतीपूर्ण बनाया गया।

इससे पहले तीन नवंबर को NSG ने संकट मोचन मंदिर, विश्वनाथ धाम और अन्य संवेदनशील स्थानों पर भी मॉकड्रिल की थी। उस समय मौसम खराब होने और बारिश के कारण रविदास घाट पर योजना के अनुसार अभ्यास नहीं हो पाया था। शुक्रवार को अनुकूल परिस्थितियां मिलने पर मॉकड्रिल को फिर से तय किया गया और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि धार्मिक और पर्यटक स्थलों पर बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है इसलिए ऐसी जगहों को किसी भी खतरे से सुरक्षित रखने के लिए समय समय पर इस तरह की मॉकड्रिल जरूरी है। इससे न केवल जवानों की तैयारी का स्तर बेहतर होता है बल्कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस के साथ समन्वय भी मजबूत होता है।

NSG के अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी आपात स्थिति में प्रतिक्रिया त्वरित और प्रभावी हो। बनारस जैसे भारी भीड़ वाले और अंतरराष्ट्रीय पहचान वाले शहर में यह अभ्यास और भी अहम हो जाता है क्योंकि यहां सुरक्षा व्यवस्था की जरा सी चूक भी बड़ी चुनौती बन सकती है। मॉकड्रिल देखकर स्थानीय लोग भी आश्वस्त नजर आए और कई ने कहा कि ऐसे अभ्यास सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता को दिखाते हैं। शुक्रवार की यह मॉकड्रिल काशी में बढ़ते सुरक्षा इंतजामों और संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता का एक और संकेत साबित हुई।

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