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वाराणसी: भोजपुरी स्टार पवन सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का अदालत ने दिया, आदेश

वाराणसी: भोजपुरी स्टार पवन सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का अदालत ने दिया, आदेश

वाराणसी कोर्ट ने भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह समेत चार लोगों पर 32.60 लाख की धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

वाराणसी: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार पवन सिंह एक गंभीर विवाद में फंस गए हैं। वाराणसी की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत ने पवन सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश वाराणसी के एक होटल व्यवसायी की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद पारित किया गया। अदालत के निर्देश के बाद कैंट थाने में एफआईआर दर्ज की जाएगी।

अदालत में इस मामले की पैरवी वकील राहुल द्विवेदी, आशीष सिंह और दुष्यंत अवस्थी ने की। याचिकाकर्ता होटल व्यवसायी ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2017 में महाराष्ट्र निवासी प्रेमशंकर राय और उनकी पत्नी सीमा राय ने खुद को फिल्म निर्माता बताते हुए उससे संपर्क साधा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भोजपुरी फिल्मों में निवेश से मोटा मुनाफा होगा और उत्तर प्रदेश सरकार से फिल्म सब्सिडी भी वापस मिल जाएगी।

व्यवसायी के मुताबिक, इसके बाद उसकी मुलाकात भोजपुरी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता पवन सिंह से कराई गई। आरोप है कि इस दौरान निवेश करने का लगातार दबाव बनाया गया। झांसे में आकर पीड़ित ने अपनी और अपने भाई की फर्म से लगभग 32.60 लाख रुपये अलग-अलग खातों में जमा किए।

व्यवसायी का दावा है कि जुलाई 2018 में वाराणसी के एक होटल में हुई बैठक के दौरान आरोपियों ने कंपनी लेटरहेड पर एक एग्रीमेंट तैयार किया और उसे फिल्म ‘बॉस’ का निर्माता घोषित किया। इस एग्रीमेंट में 50 प्रतिशत मुनाफा देने का वादा किया गया। समझौते के बाद फिल्म की शूटिंग भी शुरू हुई।

पीड़ित का कहना है कि उसने इस दौरान लगभग 1.25 करोड़ रुपये अतिरिक्त निवेश किए। लेकिन जब फिल्म पूरी होने के बाद उसने अपने हिस्से का मुनाफा और निवेश की रकम वापस मांगी तो टालमटोल शुरू कर दी गई। बाद में पता चला कि फिल्म बिक चुकी है और करोड़ों रुपये का लाभ भी हो चुका है। आरोप है कि इस लाभ में से व्यवसायी को उसका हिस्सा नहीं दिया गया।

व्यवसायी ने आरोप लगाया कि जब उसने बार-बार अपनी रकम और हिस्सेदारी की मांग की तो पवन सिंह ने उसे जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद पीड़ित ने पहले कैंट थाने और फिर पुलिस आयुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन किसी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस की निष्क्रियता से निराश होकर उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत ने मामले के तथ्यों को गंभीर मानते हुए पवन सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश कैंट पुलिस को दिया है। अदालत का यह आदेश आने के बाद अब पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज करनी होगी।

यह मामला भोजपुरी फिल्म उद्योग में निवेश और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। खासकर तब, जब इसमें सीधे तौर पर एक बड़े स्टार का नाम आ रहा है। अब देखना यह होगा कि पुलिस और आगे की जांच किस दिशा में जाती है और आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।

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