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UP बार काउंसिल चुनाव में पीआर मौर्या ने किया नामांकन, बोले एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना पहली प्राथमिकता

UP बार काउंसिल चुनाव में पीआर मौर्या ने किया नामांकन, बोले एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना पहली प्राथमिकता

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल चुनाव के लिए नामांकन जारी, दिग्गज अधिवक्ता पीआर मौर्या ने नामांकन किया, सुरक्षा मुख्य मुद्दा।

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया इस समय पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है. चुनाव लड़ने वाले अधिवक्ता बड़ी संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं और अपने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुए बार काउंसिल मुख्यालय में नामांकन कर रहे हैं. इस चुनावी माहौल में कई नए चेहरे मैदान में दिखाई दे रहे हैं, जबकि कुछ अनुभवी वरिष्ठ अधिवक्ता भी एक बार फिर अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर रहे हैं. इन्हीं दिग्गज नामों में से एक हैं पीआर मौर्या जिन्हें पांचू राम मौर्या के नाम से भी जाना जाता है. वह अब तक तीन बार बार काउंसिल के चेयरमैन और दो बार वाइस चेयरमैन रह चुके हैं. इस बार भी उन्होंने सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचकर नामांकन किया और अपनी मजबूती का संदेश दिया.

नामांकन के बाद दैनिक भास्कर से हुई बातचीत में पीआर मौर्या ने कहा कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा उनका सबसे बड़ा मुद्दा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में अधिवक्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं और इससे कानूनी समुदाय में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है. मौर्या ने स्पष्ट किया कि यदि उन्हें जिम्मेदारी मिलती है तो उनकी पहली प्राथमिकता होगी कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट हर हाल में लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि यह कानून अधिवक्ताओं की सुरक्षा और सम्मान दोनों को मजबूत करेगा और इसके लिए वह लगातार प्रयास करते रहेंगे.

अपनी कार्यशैली और अनुभव पर बात करते हुए मौर्या ने बताया कि पिछले कार्यकाल में उन्होंने अधिवक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखा और आगे भी इसी दिशा में काम करने का इरादा है. उन्होंने कहा कि वृद्ध अधिवक्ताओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना तैयार है ताकि उम्र बढ़ने के बाद भी उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक या सामाजिक परेशानी न हो. उन्होंने यह भी कहा कि बार काउंसिल में आने वाले युवा अधिवक्ताओं को सुविधा और सुरक्षा दिए बिना प्रोफेशन मजबूत नहीं हो सकता. इसी कारण वह सरकार स्तर पर वार्ता करेंगे ताकि युवा अधिवक्ताओं को बेहतर संसाधन और सुरक्षा मिल सके.

उन्होंने पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर कथित तौर पर कई बार गलत मुकदमे दर्ज किए जाने की समस्या को भी गंभीर बताया. मौर्या का कहना है कि इस मुद्दे पर तहसील और जिला स्तर पर अधिवक्ताओं से सीधे संवाद किया जाएगा ताकि ऐसे मामलों को रोका जा सके. उनका मानना है कि यदि अधिवक्ता एकजुट रहेंगे तो कोई भी एजेंसी उन पर गलत कार्रवाई नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा कि एक मजबूत और सुरक्षित अधिवक्ता समुदाय न्याय व्यवस्था को भी मजबूत बनाता है और इसी दिशा में उनका अभियान आगे बढ़ेगा.

इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता शशांक मौर्य ने भी इस चुनाव को लेकर उत्साह जाहिर किया और कहा कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल का चुनाव एशिया का सबसे बड़ा चुनाव माना जाता है. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं में इसे लेकर ऊर्जा और उत्साह देखने को मिल रहा है. नामांकन प्रक्रिया के दौरान प्रयागराज में अधिवक्ताओं की सक्रियता और उत्सुकता से पता चलता है कि यह चुनाव पेशेवर समुदाय के लिए कितना महत्वपूर्ण है.

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