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वाराणसी में राम अचल राजभर को मिली जिम्मेदारी, मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सपा ने बनाए 44 प्रभारी

वाराणसी में राम अचल राजभर को मिली जिम्मेदारी, मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सपा ने बनाए 44 प्रभारी

यूपी चुनावों के मद्देनजर सपा ने मतदाता सूची सुधार हेतु अपने वरिष्ठ नेताओं को जिलों में प्रभारी बनाकर मैदान में उतारा है।

लखनऊ/वाराणसी: उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों की तैयारी को देखते हुए मतदाता सूची में सुधार और सत्यापन की प्रक्रिया को समाजवादी पार्टी ने अत्यंत गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। निर्वाचन आयोग द्वारा संचालित विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान मतदाता सूची में संभावित गड़बड़ियों को दूर कराने और समर्थक मतदाताओं के नामों को सूची में सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से सपा ने अपने कई वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को जिलों में प्रभारी बनाकर मैदान में उतारा है। इस कवायद को पार्टी अंदरूनी स्तर पर संगठनात्मक मजबूती और जमीनी स्तर पर राजनीतिक सक्रियता बढ़ाने के महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

जारी की गई आधिकारिक सूची के अनुसार पार्टी के 44 राष्ट्रीय पदाधिकारियों को राज्य के अलग-अलग जिलों में एसआईआर की निगरानी और समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। दिलचस्प बात यह है कि कई नेताओं को एक नहीं, बल्कि दो-दो जिलों का प्रभार सौंपा गया है। इस सूची में वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल होने से स्पष्ट है कि पार्टी मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया को मात्र औपचारिकता नहीं, बल्कि गंभीर चुनावी रणनीति का हिस्सा मान रही है।

सूची के मुताबिक राष्ट्रीय महासचिव बलराम यादव को आजमगढ़ का प्रभार दिया गया है, जबकि शिवपाल यादव को इटावा और बदायूं जैसे महत्वपूर्ण जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विशम्भर प्रसाद निषाद को बांदा और फतेहपुर, वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद को अयोध्या, और इन्द्रजीत सरोज को प्रयागराज एवं कौशांबी का प्रभार दिया गया है। इसी क्रम में रामजी लाल सुमन को आगरा और हाथरस, तथा अनुभवी नेता लालजी वर्मा को अंबेडकरनगर की कमान सौंपी गई है।

सबसे खास नियुक्ति वाराणसी जिले में हुई है, जहां पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ नेता राम अचल राजभर को प्रभारी बनाते हुए उन्हें मतदाता सूची पुनरीक्षण से जुड़ी पूरी प्रक्रिया की निगरानी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। बनारस की राजनीतिक संवेदनशीलता और आगामी चुनावी समीकरणों को देखते हुए यह नियुक्ति पार्टी की रणनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाती है। इसके अलावा हरेन्द्र मलिक को मुजफ्फरनगर और सहारनपुर, तथा नीरज पाल को बागपत में एसआईआर प्रभारी बनाया गया है।

राष्ट्रीय सचिवों में भी जिलों के हिसाब से जिम्मेदारियाँ तय की गई हैं। कमाल अख्तर को मुरादाबाद और संभल का प्रभार मिला है, जबकि डॉ. मधु गुप्ता को लखनऊ जिला की जिम्मेदारी दी गई है। ओमप्रकाश सिंह को गाजीपुर, राजीव राय को मऊ और बलिया, और अभिषेक मिश्रा को लखनऊ महानगर का प्रभारी नियुक्त किया गया है। इस सूची में शामिल कई नाम ऐसे हैं जो क्षेत्रीय राजनीति पर मजबूत पकड़ रखते हैं और लंबे समय से संगठनात्मक गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं।

निर्देशों के अनुसार सभी प्रभारी नेताओं को तत्काल अपने-अपने जिलों में पहुंचकर विधानसभा-वार भ्रमण करने, बीएलए की सूची, बूथ प्रभारियों की सूची और बूथ स्तर पर एसआईआर प्रपत्रों के वितरण, संग्रहण और अपलोड की स्थिति का विस्तृत मूल्यांकन करने को कहा गया है। पार्टी नेतृत्व ने यह भी स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची के प्रत्येक बिंदु पर सावधानीपूर्वक नजर रखी जाए, ताकि किसी समर्थक मतदाता का नाम छूटने या गलत तरीके से हटाने की स्थिति न बने। समीक्षा पूरी होने के बाद प्रत्येक प्रभारी को विस्तृत रिपोर्ट पार्टी मुख्यालय में जमा करनी होगी।

सपा की इस विस्तृत एवं संगठित कवायद को आगामी चुनावी तैयारियों के महत्वपूर्ण चरण के रूप में देखा जा रहा है। मतदाता सूची की शुद्धता किसी भी चुनाव में परिणामों को प्रभावित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक होती है, और इसी समझ के आधार पर पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को सीधे इस प्रक्रिया में शामिल कर मजबूती से तैयारी शुरू कर दी है। वाराणसी सहित अन्य जिलों में प्रभारी नेताओं की सक्रियता आगामी दिनों में राजनीतिक हलचलों को और तेज कर सकती है।

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