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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रों का धरना, समस्याओं को लेकर प्रदर्शन

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रों का धरना, समस्याओं को लेकर प्रदर्शन

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रों ने संकाय में खराब व्यवस्थाओं के खिलाफ चार घंटे तक धरना दिया, प्रशासन से समाधान की मांग।

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के विज्ञान संकाय परिसर में आज सैकड़ों छात्रों ने अपनी शैक्षणिक और बुनियादी समस्याओं को उठाते हुए एक बड़ा और संगठित धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन सुबह के समय शुरू हुआ और लगभग चार घंटे तक शांत, अनुशासित और संयमित वातावरण में चलता रहा। छात्रों का कहना था कि वे लंबे समय से संकाय में कई तरह की अव्यवस्थाओं का सामना कर रहे हैं, जिनमें सफाई व्यवस्था की कमी, प्रयोगशाला की खराब स्थिति और तकनीकी उपकरणों की अनुपलब्धता जैसी समस्याएं शामिल हैं। छात्रों ने आरोप लगाया कि लगातार शिकायतों के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिसके कारण उन्होंने सामूहिक रूप से आवाज उठाना आवश्यक समझा।

धरने की शुरुआत संकाय के मुख्य द्वार पर प्रतीकात्मक ताला लगाकर की गई। यह कदम छात्रों की नाराजगी और उनके धैर्य की सीमा का संकेत था। छात्रों ने यह भी कहा कि यह प्रदर्शन प्रशासन पर दबाव डालने के लिए नहीं बल्कि संवाद और समाधान की दिशा में एक गंभीर पहल है। परिसर में जुटे छात्र समूहों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी समस्याओं को सामने रखा और प्रशासन के साथ औपचारिक वार्ता की मांग की। धरने के दौरान छात्रों ने अपने मुद्दों पर जोर देते हुए नारे लगाए, लेकिन पूरी प्रक्रिया व्यवस्था और अनुशासन के साथ आगे बढ़ती रही।

धरने का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता आशुतोष तिवारी हरषित ने कहा कि किसी भी छात्र की समस्या उनकी व्यक्तिगत प्राथमिकता है, चाहे वह किसी भी जाति या समुदाय से जुड़ा हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी वर्ग विशेष का नहीं है, बल्कि यह सभी छात्रों के अधिकारों और सुविधाओं की बहाली के लिए एक संयुक्त प्रयास है। उन्होंने कहा कि वे संकाय और विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों के शैक्षणिक, सामाजिक और बुनियादी अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करते रहेंगे।

प्रशासन के साथ हुई वार्ता के दौरान छात्रों ने 11 सूत्रीय ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसमें कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल रहे। इनमें BCA छात्रों के लिए वास्तविक प्लेसमेंट सुविधा उपलब्ध कराना, BSc गणित के छात्रों से बिना प्रैक्टिकल अतिरिक्त शुल्क न लेना, कक्षाओं की संख्या बढ़ाना, प्रयोगशालाओं में 100 नए कंप्यूटर उपलब्ध कराना, गर्ल्स कॉमन रूम को औपचारिक रूप से आरक्षित करना, सफाई और वॉशरूम की नियमित मरम्मत सुनिश्चित करना, स्मार्ट क्लास सुविधा का विस्तार करना और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को फीस किस्तों में जमा करने की सुविधा देना जैसी मांगें शामिल थीं। छात्रों का कहना था कि ये सभी मांगें बुनियादी स्वरूप की हैं और इन्हें पूरा किया जाना आवश्यक है ताकि शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाया जा सके।

लगभग चार घंटे चले इस आंदोलन का समापन तब हुआ जब छात्रों की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से विस्तृत वार्ता की। छात्रों ने बताया कि कुलपति ने उनकी सभी मांगों को गंभीरता से सुना और 15 दिनों के भीतर समाधान का आश्वासन दिया। छात्रों ने वार्ता को सकारात्मक बताया और कहा कि यदि तय समय सीमा में कार्रवाई शुरू होती है तो वे इसे प्रशासन की जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की दिशा में एक मजबूत कदम मानेंगे। प्रदर्शन समाप्त होने के बाद छात्र शांतिपूर्ण तरीके से परिसर से लौट गए और यह उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में उनकी समस्याओं पर ठोस कार्यवाही देखने को मिलेगी।

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