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यूपी शिक्षा आयोग ने टीजीटी परीक्षा पांचवीं बार टाली, हजारों अभ्यर्थियों में आक्रोश

यूपी शिक्षा आयोग ने टीजीटी परीक्षा पांचवीं बार टाली, हजारों अभ्यर्थियों में आक्रोश

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने टीजीटी परीक्षा पांचवीं बार स्थगित कर दी है, जिससे हजारों अभ्यर्थी आक्रोशित हैं और उनका भविष्य अनिश्चित है।

उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग प्रयागराज द्वारा टीजीटी प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक परीक्षा को पांचवीं बार स्थगित किए जाने से अभ्यर्थियों में गहरा आक्रोश फैल गया है। आयोग ने मंगलवार को एक बार फिर परीक्षा स्थगित करने का आदेश जारी किया, जिससे हजारों अभ्यर्थियों की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। यह परीक्षा 18 और 19 दिसंबर 2025 को प्रस्तावित थी, लेकिन अब नई तिथि घोषित होने तक प्रक्रिया रोक दी गई है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्ष 2022 में मेरठ सहित प्रदेश के सभी 75 जिलों में अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी भर्ती के लिए आवेदन स्वीकार किए गए थे। तीन साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी है। छात्रों का आरोप है कि बार बार स्थगन न केवल भर्ती प्रक्रिया में देरी पैदा कर रहा है, बल्कि उनके भविष्य को भी अनिश्चितता में डाल रहा है। लगातार तैयारी कर रहे कई अभ्यर्थी मानसिक और आर्थिक दबाव का सामना कर रहे हैं।

उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री डॉ राजेश कुमार शर्मा, ठकुराई गुट के जिला मंत्री पंकज शर्मा और महानगर उपाध्यक्ष राजेश त्यागी ने इस निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि मेरठ सहित प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में हजारों पद खाली हैं, जिनकी वजह से शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। यदि समय पर भर्ती नहीं की गई तो स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता और अधिक प्रभावित होगी।

छात्र नेताओं ने भी परीक्षा स्थगन का विरोध किया है। सीसीएसयू के छात्र नेता विनीत चपराणा और अंकित अधाना ने कहा कि तीन साल से तैयारी कर रहे युवाओं के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है। उन्होंने मांग की कि आयोग जल्द से जल्द नई तिथि घोषित करे और परीक्षा समय पर आयोजित की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी अपील की कि अभ्यर्थियों के भविष्य को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाए।

अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन आयोग को परीक्षा आयोजित करने की ठोस योजना बनानी चाहिए ताकि बार बार स्थगन से छात्रों की मेहनत और उम्मीदें प्रभावित न हों। वे चाहते हैं कि आयोग इस बार बिना किसी देरी के परीक्षा को अंतिम रूप दे और भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाए ताकि शिक्षण संस्थानों की रिक्तियों को भरकर व्यवस्था को सही दिशा मिल सके।

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