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छात्रवृत्ति आवेदन: अब पिता या अभिभावक का आय प्रमाण पत्र ही मान्य, यूपी समाज कल्याण विभाग का बड़ा बदलाव

छात्रवृत्ति आवेदन: अब पिता या अभिभावक का आय प्रमाण पत्र ही मान्य, यूपी समाज कल्याण विभाग का बड़ा बदलाव

यूपी समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति योजना में बदलाव किया, अब केवल पिता या अभिभावक का आय प्रमाण पत्र ही मान्य होगा ताकि गड़बड़ी रोकी जा सके।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब छात्रों को केवल पिता या अभिभावक का आय प्रमाण पत्र ही जमा करना होगा। पहले कई छात्र अपने नाम से जारी आय प्रमाण पत्र लगाकर आवेदन कर रहे थे, जिससे गड़बड़ी की संभावना बढ़ रही थी। नए निर्देशों के लागू होने के बाद ऐसे आवेदनों के निरस्त होने की आशंका जताई जा रही है।

विभाग का कहना है कि योजना की पात्रता स्पष्ट रूप से पारिवारिक आय पर आधारित है, न कि छात्र की व्यक्तिगत आय पर। पूर्वदशम छात्रवृत्ति के लिए पारिवारिक आय ढाई लाख रुपये वार्षिक से कम होना आवश्यक है। इसी तरह दशमोत्तर छात्रवृत्ति के लिए भी निर्धारित आय सीमा ढाई लाख रुपये प्रति वर्ष ही है। अनुसूचित जाति और अन्य सभी वर्गों के लिए यह सीमा समान रखी गई है, ताकि सभी पात्र छात्रों को समान अवसर मिल सके।

समाज कल्याण विभाग के मुताबिक, वाराणसी और मथुरा समेत कई जिलों में यह देखा गया कि छात्रों ने पिता या अभिभावक के आय प्रमाण पत्र के बजाय अपने नाम से प्रमाण पत्र जारी कराकर आवेदन किया था। इससे न सिर्फ नियमों का उल्लंघन हुआ, बल्कि पात्रता मानकों को भी प्रभावित किया गया। विभाग के अनुसार, यह स्थिति संभावित वित्तीय अनियमितता की ओर संकेत करती है, जिसके चलते नए निर्देश जारी किए गए हैं।

इस बदलाव के बाद छात्रों को प्रमाण पत्र सुधारने में दिक्कत आ रही थी। कई छात्रों ने विभाग से आवेदन संपादित करने की अनुमति मांगी। इसके बाद विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को प्रमाण पत्र एडिट करने की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, ताकि छात्र अपने आवेदन में आवश्यक संशोधन कर सकें और आवेदन निरस्त होने से बच जाएं।

मथुरा में ऐसे कई मामलों की पुष्टि होने पर समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक और योजनाधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया कि कुछ छात्रों ने स्वयं का आय प्रमाण पत्र लगाकर आवेदन किया था। विभाग ने अब ऐसे सभी छात्रों को प्रमाण पत्र बदलने का विकल्प देने का निर्देश दिया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पिछले वर्षों में विद्यार्थियों के व्यक्तिगत आय प्रमाण पत्र के आधार पर जारी की गई छात्रवृत्तियों की जांच की जाएगी या नहीं।

विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा स्वयं के आय प्रमाण पत्र लगाने के मामलों में जानकारी एकत्र की जा रही है। भविष्य में नियमों को और सख्ती से लागू करने की तैयारी है, ताकि छात्रवृत्ति वितरण पूरी तरह पारदर्शी और पात्रता आधारित हो सके।

नई व्यवस्था लागू होने के बाद अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर आवेदन में अभिभावक की वास्तविक पारिवारिक आय ही दर्ज हो। इससे छात्रवृत्ति योजना अधिक सुव्यवस्थित और विश्वसनीय बन सकेगी।

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