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वाराणसी: कैंट स्टेशन पर अचार डिब्बों में छिपी लाखों की शराब जब्त, तस्कर का प्लान हुआ फेल

वाराणसी: कैंट स्टेशन पर अचार डिब्बों में छिपी लाखों की शराब जब्त, तस्कर का प्लान हुआ फेल

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर जीआरपी-आरपीएफ ने अचार के डिब्बों में छिपाकर बिहार ले जाई जा रही लाखों की शराब जब्त की.

वाराणसी: त्योहारों के सीजन में सुरक्षा और सतर्कता बढ़ाए जाने का असर अब साफ दिखाई देने लगा है। इसका ताजा उदाहरण वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर सामने आया, जहां बिहार में प्रतिबंधित शराब की तस्करी का फिल्मी अंदाज़ पकड़ा गया। तस्करों ने अंग्रेजी शराब की बोतलों को अचार के टीन के भीतर छुपाकर भेजने की योजना बनाई थी, लेकिन जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने इस पूरे खेल का पर्दाफाश कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुरुवार को कैंट स्टेशन पर पार्सल कार्यालय में नियमित चेकिंग के दौरान अधिकारियों को शक हुआ। जांच के दौरान 16 नग के 32 टीन बरामद किए गए। टीन के ऊपरी हिस्से में अचार रखा गया था ताकि किसी को शक न हो, लेकिन नीचे की परत हटाते ही हरियाणा निर्मित महंगी अंग्रेजी शराब की बोतलें बरामद हुईं। कुल मिलाकर 100 से अधिक बोतलें इन कंटेनरों से निकाली गईं, जिनकी कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है।

स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता ने बताया कि यह कंसाइनमेंट पटना के लिए बुक कराया गया था। आरोपी ने इसे "अचार" के नाम से दर्ज करवाया था और रेलवे के पास इसकी आधिकारिक बुकिंग रसीद भी मौजूद थी। हालांकि, त्योहारों से पहले बढ़ाई गई चौकसी और पार्सल स्कैनिंग की प्रक्रिया के चलते यह तस्करी पकड़ी गई। मौके पर ही शराब की बुकिंग कराने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

विश्वस्त सूत्रों से पता चला है, कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद शराब की खपत और उसकी मांग को देखते हुए तस्कर लगातार नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। कभी फलों के पैकेटों में, तो कभी अन्य सामानों की आड़ में शराब भेजने के प्रयास किए जाते रहे हैं। इस बार तस्करों ने अचार के डिब्बों का सहारा लिया, ताकि चेकिंग के दौरान यह सामान सामान्य मालूम पड़े। लेकिन रेलवे और पुलिस की सक्रियता ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

रेलवे प्रशासन का कहना है कि त्योहारों के दौरान यात्रियों और पार्सल की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिए स्टेशन पर अत्याधुनिक पार्सल स्कैनर लगाए गए हैं और हर पैकेट की गहन जांच की जा रही है। यही कारण रहा कि शराब की यह खेप छुपाए जाने के बावजूद पकड़ में आ गई। अधिकारियों का मानना है कि यह कार्रवाई न केवल तस्करों के नए हथकंडों को उजागर करती है, बल्कि इस बात का भी सबूत है कि बढ़ी हुई चौकसी अपराधियों पर भारी पड़ रही है।

पुलिस ने पकड़े गए आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि इसके पीछे बड़ा गिरोह काम कर रहा है, जो हरियाणा से शराब मंगवाकर उसे पटना सहित बिहार के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई करता है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इससे पहले कितनी बार इसी तरीके से खेप बिहार भेजी गई और इसमें कौन-कौन शामिल हैं।

यह पूरी घटना इस ओर इशारा करती है कि प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी रोकने के लिए आधुनिक तकनीक और चौकसी का संयोजन बेहद जरूरी है। फिलहाल, रेलवे और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई ने जहां तस्करों की योजना विफल कर दी, वहीं यह भी संदेश दिया है कि त्योहारों के समय सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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