News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

वाराणसी में बिजली बिलों में करोड़ों की हेराफेरी, अभियंताओं और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप

वाराणसी में बिजली बिलों में करोड़ों की हेराफेरी, अभियंताओं और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप

वाराणसी के बरईपुर में बिजली बिलों में अनियमित संशोधन का मामला गरमाया, लाखों के बिलों को हजारों में बदलने का आरोप है।

वाराणसी: विद्युत वितरण खंड द्वितीय बरईपुर में बिजली बिलों को नियमों के विरुद्ध रिवाइज करने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। आरोप है कि कुछ अभियंताओं और डिवीजन के लेखा-कर्मचारियों की सांठगांठ से यूनिटों में हेराफेरी की गई और लाखों रुपये के बकाया बिल को कुछ ही हजारों में बदल दिया गया। यही वजह है कि पूरे विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

ताज़ा मामला लोहता थाना क्षेत्र के छितौनी कोटवा स्थित देववाणी इंटर कॉलेज का है, जहां 24 KVA स्वीकृत लोड वाले कनेक्शन का अक्टूबर माह में ₹11,83,540 का बिजली बिल बनाया गया था। आश्चर्यजनक रूप से, उसी महीने इस बिल को घटाकर ₹2,71,472 कर दिया गया। करोड़ों यूनिटों के आधार पर तैयार बिल को एक झटके में इतने बड़े अंतर से कम किए जाने ने विभागीय गलियारों में हलचल मचा दी है। आरोप है कि एमआरआई और ओके बेस्ड बिलिंग में गड़बड़ी कर राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया गया।

साक्ष्यों के साथ पत्रकार संगठनों ने एमडी से की कार्रवाई की मांग
बीते मंगलवार को इस पूरे प्रकरण की शिकायत साक्ष्यों सहित पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी के प्रबंध निदेशक शम्भु कुमार को सौंपी गई। नेशनल मीडिया हेल्पलाइन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस.के. श्रीवास्तव (विकास) तथा राष्ट्रीय पत्रकार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र उपाध्याय ने संयुक्त रूप से यह ज्ञापन दिया। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि बरईपुर–चितईपुर डिवीजन में पिछले डेढ़ वर्ष से तैनात अधिशासी अभियंता मनीष झाँ के कार्यकाल में बड़ी संख्या में बिलों को रिवाइज कर राजस्व को भारी क्षति पहुँचाई गई है।

कई उपभोक्ताओं के बिल में बड़े पैमाने पर कटौती का आरोप
ज्ञापन में दर्ज उदाहरणों में घपलेबाजी की गंभीरता साफ दिखाई देती है।
✅बदामा देवी, पत्नी दीनानाथ सिंह, ग्राम भीषमपुर, सेवापुरी
AC – 4913569000
बकाया बिल: ₹4,66,470 (19 जून 2025)
रिवाइज कर किया गया: ₹1,19,852 (23 जून 2025)

✅देववाणी इंटर कॉलेज, छितौनी कोटवा
24 KVA लाइन
मूल बिल (अक्टूबर): ₹11,83,540
रिवाइज कर: ₹2,71,472

✅शहज़ाद अंसारी, पुत्र युनिस अंसारी
AC – 6585309000
मूल बकाया: ₹1,18,783 (12 अगस्त 2025)
घटाकर किया गया: ₹39,756

✅राम नरेश, ग्राम राय जलालपुर
AC – 4503861100
पूर्व बकाया: ₹2,40,826
रिवाइज कर: ₹66,707

✅राधिका देवी, पत्नी हीरा सिंह, ग्राम चक नरोत्तमपुर
AC – 3030978000
बकाया: ₹50,87855
रिवाइज कर: ₹19,712

✅अलका तिवारी, ग्राम गंगापुर पटेल नगर
AC – 7100191100
बकाया: ₹3,44,134
रिवाइज कर: शून्य

इन आंकड़ों से साफ है कि विभागीय स्तर पर बिजली बिलों को रिवाइज करने में मनमाने तरीके अपनाए गए, जिससे न सिर्फ सरकारी राजस्व को नुकसान हुआ बल्कि उपभोक्ताओं के बीच भी अविश्वास की स्थिति बनी।

पीडी (स्थाई विच्छेदन) में भी फर्जीवाड़े के आरोप
सूत्रों का कहना है कि सब-डिवीजन और डिवीजन कार्यालयों में पीडी यानी स्थायी विद्युत विच्छेदन के नाम पर भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की जा रही है। कई उपभोक्ताओं के लाखों रुपये के बकाया को गलत तरीके से पीडी कर दिया गया, जिससे recovery की प्रक्रिया ही खत्म हो गई। इससे विभाग को करोड़ों रुपये की संभावित राजस्व हानि हुई है।

प्रबंध निदेशक शम्भु कुमार ने पत्रकार संगठनों द्वारा सौंपे गए साक्ष्ययुक्त ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए कहा कि “गलत तरीके से बिजली बिल रिवाइज करने की शिकायतें पहले भी मिली थीं और अब दोबारा मिली हैं। प्रमुखता के आधार पर जांच कराई जाएगी और रिपोर्ट आने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आगामी जांच में क्या निष्कर्ष सामने आता है और क्या विभाग इस बड़े राजस्व घोटाले पर कठोर कदम उठाता है या मामला पूर्व की तरह फाइलों में ही दफन हो जाएगा।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL
Bluva Beverages Pvt. Ltd

LATEST NEWS