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वाराणसी: अधिवक्ता की संदिग्ध मौत, परिवार ने कफ सिरप माफिया पर लगाया हत्या का आरोप

वाराणसी: अधिवक्ता की संदिग्ध मौत, परिवार ने कफ सिरप माफिया पर लगाया हत्या का आरोप

वाराणसी में अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह की संदिग्ध मौत पर परिवार ने कफ सिरप माफिया पर हत्या का आरोप लगाया, अजय राय ने न्यायिक जांच की मांग की।

वाराणसी में अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह की संदिग्ध मौत एक बार फिर चर्चा के केंद्र में है। परिवार का कहना है कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि कफ सिरप माफिया द्वारा रची गई सुनियोजित हत्या है। इस गंभीर आरोप ने न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाया है, बल्कि कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी व्यापक बहस छेड़ दी है।

शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय वाराणसी के चोलापुर स्थित बर्थरा गांव पहुंचे और मृतक अधिवक्ता के परिवार से मुलाकात की। परिवार ने उन्हें बताया कि पुलिस ने मामले की ठीक तरह जांच नहीं की, बल्कि शुरुआत से ही पूरे प्रकरण को दबाने की कोशिश की। परिजनों के अनुसार, पुलिस ने केस की दिशा बदलकर असली दोषियों को बचाने का प्रयास किया है।

परिवार का दावा है कि राजा आनंद ज्योति सिंह कफ सिरप माफिया की अवैध गतिविधियों पर सख्त रुख रखते थे। इसी कारण उन्हें निशाना बनाया गया। उनकी अचानक और संदिग्ध मौत को परिवार हत्या मानता है और इसके पीछे माफिया की साजिश देख रहा है।

अजय राय ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील मामले की जांच केवल न्यायिक जांच के माध्यम से ही निष्पक्ष रूप से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल है। उन्होंने योगी सरकार से पूछा कि आखिर कब तक ऐसे मामलों को नजरअंदाज किया जाएगा। क्या सरकार को पीड़ित परिवार की इस पीड़ा का एहसास नहीं है।

मृतक अधिवक्ता अपने परिवार के एकमात्र सहारे थे। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी और तीन छोटे बच्चे पूरी तरह असहाय हो गए हैं। अजय राय ने कहा कि यह केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि माफिया और अपराधियों के बढ़ते प्रभाव का चिंताजनक संकेत है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी इस परिवार के साथ खड़ी है और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।

इस दौरान कांग्रेस के कई वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे, जिनमें महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे, अशोक सिंह, रोहित दुबे, विनीत चौबे, परवेज खां, सैय्यद आदिल, डॉ अमरनाथ मिश्रा, योगेंद्र सिंह और कई अन्य शामिल थे।

राजा आनंद ज्योति सिंह की मौत से जुड़ा यह मामला वाराणसी और पूरे प्रदेश में प्रशासनिक संवेदनशीलता की परीक्षा बन गया है। परिवार के आरोपों ने पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही यह घटना यह भी दर्शाती है कि कफ सिरप माफिया जैसा अवैध नेटवर्क कितना शक्तिशाली और खतरनाक हो चुका है।

मामला अब न्यायिक जांच की मांग के साथ और भी विस्तार ले रहा है। परिवार का कहना है कि वे अपने न्याय के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। यह प्रकरण न केवल एक अधिवक्ता की मौत का है, बल्कि उन अपराधी नेटवर्कों पर सीधा सवाल है, जिन्होंने शासन और प्रशासन की चुनौती बढ़ा दी है।

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