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वाराणसी: सावन में मांस की अवैध बिक्री पर निगम का शिकंजा, 75 किलो मांस जब्त-दुकानदारों पर दर्ज हुआ FIR

वाराणसी: सावन में मांस की अवैध बिक्री पर निगम का शिकंजा, 75 किलो मांस जब्त-दुकानदारों पर दर्ज हुआ FIR

वाराणसी नगर निगम ने सावन में मांस की अवैध बिक्री के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 75 किलो मांस जब्त किया, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी है।

वाराणसी: श्रावण मास के धार्मिक महत्व और शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के बीच रविवार को वाराणसी नगर निगम ने मांस, मुर्गा और मछली की अवैध दुकानों पर बड़ी कार्रवाई की। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के आदेश पर चलाए गए इस अभियान की अगुवाई नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. संतोष पाल ने की। अभियान के दौरान शहर के विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी कर करीब 75 किलो अवैध मांस जब्त किया गया, जिसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई धार्मिक भावनाओं के सम्मान और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

नगर निगम की यह कार्रवाई विशेष रूप से सावन माह में मांस बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध के अनुपालन को लेकर थी, जिसे गंभीरता से लागू किया जा रहा है। इस दौरान कई क्षेत्रों में संचालित अवैध दुकानों को चिन्हित किया गया। रेवड़ी तालाब, लल्लापुरा, कचहरी के सामने, भोजूबीर और आसपास के इलाकों में खुली मांस की दुकानों पर निगम की टीम ने सख्त कदम उठाए।

जांच के दौरान जिन दुकानदारों को अवैध बिक्री में लिप्त पाया गया, उनमें मोहम्मद शकील पुत्र शमीम अहमद, लाला मोहम्मद शिराज पुत्र सेराज (रेवड़ी तालाब पोल्ट्री फार्म), मोहम्मद हनीफ कुरैशी (रेवड़ी तालाब), मोहम्मद इम्तियाज पुत्र अब्दुल सत्तार (मौलवी बैग, सिगरा), पापू कुरैशी पुत्र मोहम्मद अलीम कुरैशी (मौलवी बैग), मोहम्मद नईम कुरैशी (नेशनल मीट शॉप, आंध्रापुल), मोहम्मद फखरुद्दीन कुरैशी पुत्र निजामुद्दीन (गोलघर, कचहरी) और गुड्डु पुत्र कादिर अहमद (गोलघर, कचहरी) जैसे नाम सामने आए हैं। इन सभी के खिलाफ नियमानुसार संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है।

नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि शहर में साफ-सफाई, जनभावनाओं और नियमों के पालन के उद्देश्य से यह कार्रवाई की गई है। सावन जैसे पावन महीने में धार्मिक आस्थाओं का सम्मान बनाए रखने के लिए मांस और मछली की बिक्री पर रोक लगाई गई थी, लेकिन कई दुकानदारों द्वारा इसका उल्लंघन किया जा रहा था।

डॉ. संतोष पाल ने बताया कि भविष्य में भी इस प्रकार की छापेमारी और जांच अभियान जारी रहेंगे। जो भी दुकानदार नियमों की अनदेखी करेगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान केवल सावन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नगर निगम की ओर से नियमित निरीक्षण कर शहर को स्वच्छ और धार्मिक मर्यादाओं के अनुरूप बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा।

हमारे रामनगर संवाददाता ने बताया कि उनके क्षेत्र में प्रशासनिक उदासीनता की तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है। यहां मांस की बिक्री खुलेआम हो रही है, जबकि नगर निगम या स्थानीय प्रशासन की ओर से न तो कोई चेतावनी दी गई है और न ही कोई चेकिंग अभियान चलाया गया। यह स्थिति प्रशासन की ओर से क्षेत्रीय असमानता को दर्शाती है, जिससे लोगों में असंतोष की भावना देखी जा रही है।

नगर निगम से उम्मीद की जा रही है कि वह पूरे शहर में एक समान और निष्पक्ष रूप से नियमों को लागू कर धार्मिक भावनाओं के सम्मान के साथ-साथ कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाए रखने की दिशा में सख्ती से कदम उठाएगा

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Category: crime uttar pradesh

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