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काशी: सतुआ बाबा ने अभद्र टिप्पणी पर अजय शर्मा समेत तीन लोगों के ऊपर दर्ज कराई FIR

काशी: सतुआ बाबा ने अभद्र टिप्पणी पर अजय शर्मा समेत तीन लोगों के ऊपर दर्ज कराई FIR

वाराणसी में सतुआ बाबा ने सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में सनातन रक्षक दल के अजय शर्मा और दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

वाराणसी: शहर के प्रतिष्ठित संत और सतुआ बाबा आश्रम के पीठाधीश्वर संतोषाचार्य संतोष दास ने सोमवार को सोशल मीडिया पर की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा और दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ चौक थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इस प्रकरण में आईटी एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। सतुआ बाबा का आरोप है कि फेसबुक पर उनकी व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुंचाने की नियत से उनके नाम का उल्लेख करते हुए अजय शर्मा ने एक अपमानजनक और धर्म-संस्कारों को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की, जिससे न केवल उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हुई, बल्कि सनातन धर्म के अनुयायियों की धार्मिक भावना भी आहत हुई है।

पुलिस को दी गई शिकायत में संतोषाचार्य ने बताया कि 13 जुलाई की दोपहर अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी निर्वाणी अखाड़े के अध्यक्ष, 70 वर्षीय एक महंत पहली बार काशी में बाबा विश्वनाथ के दरबार में जलाभिषेक करने पहुंचे थे। यह दर्शन उनके संकल्प स्वरूप भी था और चूंकि उस समय मंदिर में विशेष भीड़ नहीं थी, अतः उन्होंने धार्मिक मर्यादा में रहते हुए जल अर्पण किया। संतोषाचार्य ने कहा कि "हम सनातनी हैं, हमारे लिए पूजा, अर्चना और दर्शन हमारे कर्तव्यों का हिस्सा हैं। यह हमारी परंपरा और धर्म का हिस्सा है, जिसे हम श्रद्धा से निभाते हैं।"

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि इस पवित्र धार्मिक प्रसंग को लेकर अजय शर्मा द्वारा की गई टिप्पणी केवल व्यक्ति विशेष के सम्मान को ठेस पहुंचाने का प्रयास नहीं थी, बल्कि वह एक सुनियोजित तरीका था जिससे धर्म के प्रति लोगों की आस्था को कमजोर किया जा सके। संतोषाचार्य ने यह भी कहा कि अजय शर्मा के अलावा सोशल मीडिया पोस्ट में उनके साथ शामिल अन्य दो व्यक्तियों की भूमिका भी संदिग्ध है, जिनकी पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस जांच में उनकी संलिप्तता का पता चलेगा।

इस मामले में पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए त्वरित कार्रवाई की। दशाश्वमेध एसीपी डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी ने पुष्टि करते हुए बताया कि मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की झूठी या अपमानजनक जानकारी साझा करना कानून के खिलाफ है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने वालों को कानूनी दायरे में लाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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