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वाराणसी: सोने में निवेश के नाम पर महिला से 35.50 लाख की ठगी, तीन लोगो पर दर्ज हुई FIR

वाराणसी: सोने में निवेश के नाम पर महिला से 35.50 लाख की ठगी, तीन लोगो पर दर्ज हुई FIR

वाराणसी में सोने में निवेश के नाम पर एक महिला से 35.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई, जिसके बाद सर्राफा कारोबारी समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

वाराणसी: सोने में निवेश के नाम पर महिला से लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें एक प्रतिष्ठित सर्राफा कारोबारी, उसकी पत्नी और पिता के खिलाफ सिगरा थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई वाराणसी न्यायालय के आदेश पर की गई है, जिसके बाद पुलिस ने जांच प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

मामला लंका थाना क्षेत्र के सामनेघाट बालाजी एक्सटेंशन निवासी प्रवीण तिवारी की पत्नी कृति सरीन से जुड़ा है, जिनसे आरोपियों ने झूठे लाभ का झांसा देकर कुल 35 लाख 50 हजार रुपये का निवेश कराया। प्रवीण तिवारी ने कोर्ट में दाखिल आवेदन में बताया कि उनकी पत्नी को रथयात्रा क्षेत्र स्थित स्वास्तिक सेवाश्रम निवासी और इंडिया ज्वेलर्स के प्रोपराइटर रजत अग्रवाल, बनारस ज्वेलर्स के निदेशक गणेश प्रसाद एवं उनकी पत्नी व सह स्वामिनी मधु अग्रवाल ने सोने में निवेश का लालच देकर गुमराह किया।

प्रार्थी के अनुसार, उक्त आरोपियों ने अलग-अलग तिथियों में उन्हें यह कहकर धन निवेश कराया कि इससे भारी लाभ प्राप्त होगा और निवेश सुरक्षित रहेगा। इस विश्वास के आधार पर उन्होंने विभिन्न प्रतिष्ठानों के खातों में कुल 35.50 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन, न तो कोई लाभ मिला और न ही मूलधन वापस किया गया। जब निवेश के परिणाम और रिटर्न के बारे में पूछताछ की गई तो टाल-मटोल की जाती रही।

इस धोखाधड़ी की शिकायत कृति सरीन द्वारा 25 मई को साक्ष्यों सहित सिगरा थाने में की गई थी, लेकिन तब इस पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद पीड़िता के पति प्रवीण तिवारी ने कोर्ट की शरण ली और न्यायिक हस्तक्षेप के बाद अंततः सिगरा पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए।

कोर्ट के आदेश पर सिगरा थाना पुलिस ने बुधवार को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। इस संबंध में सिगरा थाना प्रभारी संजय कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि मुकदमा दर्ज कर विधिक प्रक्रिया के तहत विवेचना शुरू कर दी गई है। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि दोषियों के खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला न केवल एक आम नागरिक के आर्थिक नुकसान से जुड़ा है, बल्कि शहर के प्रतिष्ठित सर्राफा कारोबारियों की साख पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। निवेश के नाम पर विश्वासघात का यह प्रकरण एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि बिना लिखित समझौते और ठोस गारंटी के ऐसे निवेश कितने जोखिमभरे हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस की जांच रिपोर्ट और आगे की कार्रवाई का इंतजार किया जा रहा है।

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