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आगरा: बांके बिहारी कॉरिडोर दान से सुर्खियों में आए बिल्डर प्रखर गर्ग दंपती जयपुर से गिरफ्तार

आगरा: बांके बिहारी कॉरिडोर दान से सुर्खियों में आए बिल्डर प्रखर गर्ग दंपती जयपुर से गिरफ्तार

आगरा के विवादित बिल्डर प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी राखी गर्ग को 1.54 करोड़ रुपये के चेक बाउंस मामले में जयपुर से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

आगरा: बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपये देने का हलफनामा दाखिल कर अचानक सुर्खियों में आए बिल्डर प्रखर गर्ग एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। बुधवार को पुलिस ने प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी राखी गर्ग को जयपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दंपती के खिलाफ 1.54 करोड़ रुपये के चेक बाउंस मामले में कोर्ट से गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था। दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बिल्डर दंपती पर चेक बाउंस और धोखाधड़ी से जुड़े दर्जनों मामले दर्ज हैं। थाना हरीपर्वत और कमला नगर थाने में कम से कम चार गंभीर मुकदमे लंबित हैं, जिनमें करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा, करीब दो दर्जन से अधिक मामलों में चेक बाउंस की शिकायतें भी दर्ज हैं।

प्रखर गर्ग का विवादों और मुकदमों से पुराना नाता है। करीब ढाई साल पहले भी उन्हें चेक बाउंस के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2022 में उन्हें जेल भेजा गया था और बाद में तबीयत बिगड़ने पर एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उस दौरान भी पुलिस ने अदालत को उनके खिलाफ लंबित मामलों की रिपोर्ट सौंपी थी।

यह मामला तब और गंभीर हुआ जब बैटरी कारोबारी अरुण सोंधी ने प्रखर गर्ग सहित अन्य आरोपियों पर 1.54 करोड़ रुपये का चेक बाउंस और करीब 9 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया। सोंधी का आरोप है कि वर्ष 2019 में उन्होंने द्वारिकापुरम कॉलोनी में एक संपत्ति प्रखर गर्ग को बेची थी। इसके एवज में दिए गए चेक बैंक में बाउंस हो गए। इसके बाद लगातार टालमटोल करते हुए प्रखर गर्ग ने भुगतान नहीं किया। आखिरकार उन्होंने वर्ष 2023 में मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में प्रखर गर्ग के साथ उनकी पत्नी राखी गर्ग को भी आरोपी बनाया गया।

अरुण सोंधी का कहना है कि बिल्डर की धोखाधड़ी से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ और मजबूरन उन्हें अपना घर तक बेचना पड़ा। उन्होंने आशंका जताई कि ऐसे और भी पीड़ित सामने आ सकते हैं, जिनसे बिल्डर ने रकम लेकर भुगतान नहीं किया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, प्रखर गर्ग के खिलाफ वर्ष 2019 से 2023 के बीच एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत 21 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से कई अभी कोर्ट में विचाराधीन हैं।

थाना कमला नगर में दर्ज दो मुकदमों में भी प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी के खिलाफ संपत्ति के नाम पर धन हड़पने का आरोप लगाया गया था। एक मामले में सुभाष शर्मा ने दिसंबर 2023 में शिकायत दर्ज कराई थी, जबकि दूसरा मुकदमा ट्रांस यमुना निवासी योगेश अग्रवाल ने सितंबर 2024 में दर्ज कराया। दोनों मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।

प्रखर गर्ग अक्टूबर 2023 में तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने हाईकोर्ट में वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए 510 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। इस हलफनामे के बाद मथुरा पुलिस ने आगरा पुलिस से उनका पूरा रिकॉर्ड मांगा था। जांच में खुलासा हुआ कि उनके खिलाफ दर्जनों मामले लंबित हैं। दिसंबर 2024 में उनके घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी छापेमारी की थी।

डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि आरोपी प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी राखी गर्ग के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने पर जयपुर से गिरफ्तार किया गया। कोर्ट के आदेश पर दोनों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि बिल्डर के खिलाफ दर्ज मामलों की विवेचना जारी है और धोखाधड़ी के और भी मामले सामने आने की संभावना है।

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