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आगरा: 2.43 करोड़ की नकली दवाएं जब्त, संचालक ने की 2 करोड़ की रिश्वत की पेशकश

आगरा: 2.43 करोड़ की नकली दवाएं जब्त, संचालक ने की 2 करोड़ की रिश्वत की पेशकश

आगरा में एसटीएफ ने 2.43 करोड़ की नकली दवाएं जब्त कीं, संचालक ने जांच रोकने के लिए 2 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की और पकड़ा गया।

आगरा: ताज नगरी में नकली, सैंपल और नशे की दवाओं के काले कारोबार का पर्दाफाश करते हुए एसटीएफ और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। फव्वारा स्थित बंसल मेडिकल एजेंसी, हेमा मेडिकल स्टोर और उसके चार गोदामों पर छापेमारी कर 2.43 करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त की गईं। इससे पहले शुक्रवार को 80 लाख रुपये की दवाएं जब्त की गई थीं। कार्रवाई के दौरान इस धंधे से जुड़े कारोबारी हिमांशु अग्रवाल ने जांच रोकने के लिए एसटीएफ अधिकारियों को एक करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की, जिसे न मानने पर उसने रकम दोगुनी यानी 2 करोड़ रुपये करने तक की बात कही। टीम ने आरोपी को मौके पर ही रंगे हाथ पकड़ लिया।

एसटीएफ के निरीक्षक यतेंद्र शर्मा ने बताया कि हेमा मेडिको और उससे जुड़ी अन्य फर्मों से बरामद माल में चार नामी दवा कंपनियों के नाम का इस्तेमाल किया गया था। पूछताछ के दौरान जब हिमांशु अग्रवाल से कारोबार में शामिल अन्य लोगों, क्यूआर कोड और पैकिंग की जानकारी मांगी गई, तो उसने चौंकाने वाला प्रस्ताव रखा। उसने कहा कि यदि टीम उसे छोड़ दे, तो वह पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर देगा और इसके बदले 2 करोड़ रुपये तक देने को तैयार है। इतनी बड़ी रकम की पेशकश ने एसटीएफ को भी चौंका दिया, जिससे साफ है कि इस अवैध कारोबार में भारी मुनाफा कमाया जा रहा था।

पकड़ी गई दवाओं की पैकिंग इतनी असली जैसी थी कि पहली नजर में कंपनी के प्रतिनिधि भी धोखा खा गए। क्यूआर कोड भी असली जैसे दिखाई दिए, लेकिन जांच में स्पष्ट हुआ कि ये दवाएं कंपनी से अधिकृत नहीं थीं। औषधि विभाग और कंपनी प्रतिनिधियों ने मामले की पुष्टि की, जिसके बाद कई केस दर्ज किए गए। देर रात तक पुलिस थाने में तीन तहरीरें लिखी जा रही थीं।

नकली दवाओं की बिक्री की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचने के बाद विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। सीएम के आदेश पर एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश, एफएसडीए आयुक्त राजेश कुमार और अपर आयुक्त रेखा एस. चौहान के नेतृत्व में संयुक्त टीम बनाई गई। टीम ने दो सप्ताह तक रेकी की और मरीज बनकर मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदीं। जानकारी पुख्ता होने पर शुक्रवार और शनिवार को छापेमारी की गई।

जांच में सामने आया कि हेमा मेडिको और उससे जुड़ी फर्में आगरा के अलावा मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मेरठ, लखनऊ और कानपुर तक दवाओं की आपूर्ति करती थीं। संचालक हिमांशु अग्रवाल ने कमला नगर स्थित अपने घर, फव्वारा बाजार की दुकान और मोती कटरा व सैयद गली के गोदामों में स्टॉक जमा कर रखा था। शनिवार को पकड़े गए लोडिंग वाहन से 15 कट्टे दवाओं के भी जब्त किए गए, जिन्हें गोदाम भेजा जा रहा था।

कार्रवाई रोकने के लिए रिश्वत की पेशकश के बाद टीम ने हिमांशु अग्रवाल को 500-500 रुपये के नोटों से भरे बैग के साथ दबोच लिया। रुपये गिनने के लिए पुलिस को नोट गिनने की मशीन मंगानी पड़ी। एसटीएफ ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। देर रात तक तीन और केस दर्ज किए गए।

एडीजी कानून व्यवस्था को मामले की पूरी जानकारी दी गई है। वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस नेटवर्क से जुड़े हर व्यक्ति को बेनकाब कर गिरफ्तारी की जाए। एसटीएफ और औषधि विभाग की टीमें लगातार पूछताछ कर रही हैं ताकि अन्य आरोपियों तक भी पहुंचा जा सके।

एसपी एसटीएफ राकेश कुमार यादव ने कहा, यह कार्रवाई दवा माफिया के खिलाफ बड़ी सफलता है। आरोपी को नकदी और नकली दवाओं के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। इस नेटवर्क में शामिल हर व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई होगी।

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