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ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का ऐलान, बिजली विभाग में अब नहीं चलेगी मनमानी, होगी कड़ी कार्रवाई

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का ऐलान, बिजली विभाग में अब नहीं चलेगी मनमानी, होगी कड़ी कार्रवाई

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने विद्युत विभाग में अनुशासनहीनता और उपभोक्ता अनदेखी पर कड़ा संदेश दिया है, एक अभियंता निलंबित।

लखनऊ: प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने विद्युत विभाग में अनुशासनहीनता और उपभोक्ता सेवाओं की अनदेखी को लेकर बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार अब पॉवर कॉरपोरेशन में जिम्मेदारियों को लेकर किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगी। चाहे पॉवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष हों या नीचे के स्तर पर कार्यरत कर्मचारी।हर किसी की जवाबदेही अब तय की जाएगी। मंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास में बाधा बन रहे या उपभोक्ताओं के अधिकारों की अनदेखी करने वाले किसी भी कार्मिक की मनमानी अब नहीं चलेगी।

अपने बयान में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बस्ती क्षेत्र के अधीक्षण अभियंता प्रशांत सिंह को उपभोक्ता से अभद्र भाषा में बात करने और अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के साथ-साथ उन्हें वाराणसी स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। मंत्री शर्मा ने दो टूक कहा कि इस तरह के अमर्यादित आचरण को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी उपभोक्ताओं से दुर्व्यवहार करता पाया गया, तो उसके विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विभागीय जांच और निगरानी अब और अधिक कठोर और व्यवस्थित होगी। जो अधिकारी उपभोक्ताओं की शिकायतों का समय पर निस्तारण नहीं करेंगे या फिर अपने उत्तरदायित्वों के प्रति लापरवाही बरतेंगे, उन्हें चिह्नित कर दंडित किया जाएगा। उन्होंने यह भी दोहराया कि प्रदेश सरकार ‘उपभोक्ता देवो भवः’ की नीति के तहत ही काम कर रही है, और उपभोक्ताओं की संतुष्टि एवं सुविधाएं सर्वोपरि हैं।

मंत्री ने प्रदेशभर में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को लेकर भी अपनी मंशा साफ की। उन्होंने कहा कि सभी उपभोक्ताओं को निर्धारित शेड्यूल के अनुसार निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति देना सरकार की प्राथमिकता है। इसमें किसी भी प्रकार की बहानेबाजी, तकनीकी कमियां, लो वोल्टेज, बार-बार ट्रिपिंग, गैरजरूरी शटडाउन या अनावश्यक कटौती को अब किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि बीते तीन वर्षों में विद्युत व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा 26 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कार्य कराए जा चुके हैं, लेकिन कुछ कर्मियों की संवेदनहीनता और लापरवाही के चलते विभाग और सरकार की साख पर असर पड़ रहा है।

ऊर्जा मंत्री ने दोहराया कि यह स्थिति अब नहीं चल सकती। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि प्रदेश के विकास और उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि मानते हुए हर स्तर पर पारदर्शिता, जवाबदेही और सेवा भावना सुनिश्चित की जाए। अब विद्युत विभाग में कर्तव्य के प्रति लापरवाही करने वालों के लिए कोई स्थान नहीं रहेगा।

इस कड़े रुख से स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार अब ऊर्जा क्षेत्र में सेवा की गुणवत्ता, जवाबदेही और उपभोक्ता संतोष को लेकर किसी भी तरह की कोताही को नज़रअंदाज़ नहीं करेगी।

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