Thu, 25 Dec 2025 14:17:11 - By : Palak Yadav
काशी स्थित Banaras Hindu University में महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाली पारंपरिक पुष्प प्रदर्शनी का भव्य आगाज गुरुवार को हो गया। विश्वविद्यालय के मालवीय भवन में शुरू हुई यह प्रदर्शनी तीन दिनों तक चलेगी और इसे पूर्वांचल की सबसे बड़ी पुष्प प्रदर्शनी माना जा रहा है। इस वर्ष प्रदर्शनी में चार सौ से अधिक प्रजातियों के फूल पौधे और सब्जियों को प्रदर्शित किया गया है जिनमें दो दर्जन से ज्यादा दुर्लभ प्रजातियां शामिल हैं। ये प्रजातियां दूरदराज क्षेत्रों से आए अनुभवी माली और देश की ख्यात नर्सरियों द्वारा तैयार की गई हैं।
इस वर्ष की प्रदर्शनी की थीम मिशन चंद्रयान और माघ मेले पर आधारित है। रंग बिरंगे फूलों और सजीव झांकियों के माध्यम से विज्ञान संस्कृति और परंपरा का सुंदर समन्वय प्रस्तुत किया गया है। बीएचयू में यह पुष्प प्रदर्शनी पिछले सत्तर वर्षों से अधिक समय से मालवीय जयंती पर निरंतर आयोजित की जा रही है और हर वर्ष इसका स्वरूप और अधिक व्यापक होता जा रहा है। इस बार प्रदर्शनी स्थल पर सुरक्षा और व्यवस्था के लिए आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है और पूरे परिसर की निगरानी एआई आधारित कैमरों से की जा रही है।
प्रदर्शनी का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन ज्ञान से विज्ञान की ओर बढ़ने की भावना को मजबूत करता है और प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने का माध्यम भी है। इस वर्ष रसायन मुक्त सब्जियों दुर्लभ पौधों की किस्मों और विश्वविद्यालय परिसर से एकत्र सूखी पत्तियों से तैयार की गई उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद की प्रदर्शनी और बिक्री भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
पुष्प प्रदर्शनी के दौरान बीएचयू के विभिन्न संस्थानों विभागों छात्रावासों और आवासीय परिसरों के बीच प्रतिस्पर्धाएं भी आयोजित की जा रही हैं। इन प्रतियोगिताओं में सजावट नवाचार और थीम आधारित प्रस्तुति को परखा जाएगा। बीएचयू के अलावा बनारस रेल इंजन कारखाना रेलवे जिला उद्यान विभाग केंद्रीय कारागार 39 जीटीसी हवाई अड्डा प्राधिकरण और तिब्बती संस्थान सारनाथ समेत पंद्रह से अधिक संस्थान इस प्रदर्शनी में भाग ले रहे हैं।
आयोजकों के अनुसार 27 दिसंबर को आईआईटी बीएचयू के निदेशक अमित पात्रा विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान करेंगे। रंगों खुशबू और रचनात्मकता से सजी यह प्रदर्शनी न केवल प्रकृति प्रेमियों बल्कि छात्रों शोधार्थियों और आम नागरिकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।