वाराणसी: केनरा बैंक की सहायक प्रबंधक शालिनी सिन्हा साइबर ठगी मामले में गिरफ्तार

सीबीआई ने केनरा बैंक की चितईपुर शाखा की सहायक प्रबंधक को साइबर ठगी में मदद के आरोप में गिरफ्तार किया।

Thu, 25 Dec 2025 11:33:18 - By : Pradyumn Kant Patel

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए केनरा बैंक की चितईपुर शाखा में तैनात सहायक प्रबंधक शालिनी सिन्हा को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने साइबर अपराधियों को म्यूल बैंक खाते खुलवाने में मदद की और ठगी से अर्जित धन के लेन देन को आसान बनाया। यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार और साइबर अपराध के खिलाफ सीबीआई की चल रही व्यापक जांच का हिस्सा है। गिरफ्तार अधिकारी को बुधवार को विशेष न्यायाधीश चतुर्थ भ्रष्टाचार निवारण रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले जाने की अनुमति दी गई। अदालत ने निर्देश दिया है कि आरोपी को 26 दिसंबर दोपहर 12 बजे तक संबंधित क्षेत्राधिकार न्यायालय में पेश किया जाए और इस दौरान किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना न की जाए। अदालत में सीबीआई का पक्ष अभियोजन अधिकारी श्याम सरोज दुबे ने रखा।

सीबीआई के अनुसार इस मामले में अप्रैल माह में दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जांच में सामने आया कि देश के विभिन्न हिस्सों में बैंक कर्मचारी साइबर अपराधियों के साथ मिलकर म्यूल बैंक खाते खुलवाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। इन खातों के जरिये ऑनलाइन ठगी से प्राप्त धन को एक खाते से दूसरे खाते में स्थानांतरित किया जा रहा था ताकि धन के स्रोत को छिपाया जा सके। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि साइबर ठग गेमिंग एप और बेटिंग एप के नाम पर लोगों को जाल में फंसाकर ठगी कर रहे थे और इसके लिए उन्हें बड़ी संख्या में ऐसे खातों की जरूरत थी जिन पर संदेह न हो।

जांच एजेंसी के अनुसार निरंजन गुप्ता नामक व्यक्ति इस नेटवर्क में म्यूल बैंक खाते उपलब्ध कराने का काम कर रहा था। उसके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच में यह तथ्य सामने आया कि शालिनी सिन्हा उसके लगातार संपर्क में थीं। चितईपुर शाखा में तैनाती से पहले वह पटना के एसके नगर शाखा में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत थीं। वहां रहते हुए उनकी संस्तुति पर छह म्यूल बैंक खाते खोले गए जिनका इस्तेमाल साइबर ठगी की रकम मंगाने के लिए किया गया। इन खातों में प्रत्येक में एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि का लेन देन हुआ। जांच में मिले व्हाट्सएप चैट और अन्य डिजिटल साक्ष्यों से यह भी स्पष्ट हुआ कि आरोपी अधिकारी को यह जानकारी थी कि ये खाते साइबर अपराधियों के लिए फर्जी तरीके से खोले जा रहे हैं।

सीबीआई की जांच में म्यूल बैंक खातों के व्यापक दुरुपयोग का भी खुलासा हुआ है। म्यूल बैंक खाता वह खाता होता है जिसका उपयोग अपराधी अवैध धन के लेन देन के लिए करते हैं। ऐसे खाते या तो लालच में फंसे लोगों के नाम पर या फिर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोले जाते हैं। जांच में पता चला कि देश भर में पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों में इस तरह के कुल लगभग आठ लाख सत्तर हजार खाते खोले गए। लगभग सात सौ तैंतालीस बैंकों में औसतन तीन सौ म्यूल खाते प्रति बैंक पाए गए। इन खातों को खोलते समय केवाईसी और निगरानी से जुड़े भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों की अनदेखी की गई। कई खातों में कुछ ही दिनों में भारी रकम जमा हुई और तुरंत निकाल भी ली गई लेकिन उन्हें संदिग्ध खातों की सूची में शामिल नहीं किया गया।

जांच एजेंसी के अनुसार इन खातों के नाम और पते जिन लोगों के थे उनसे बैंक की ओर से किसी प्रकार का सत्यापन या पत्राचार नहीं किया गया। कई मामलों में मध्यस्थों की भूमिका भी सामने आई जिन्होंने बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों को खाता खोलने के लिए राजी किया। प्रथम दृष्टया जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि साइबर ठगी के इस नेटवर्क में साइबर अपराधियों के साथ साथ कुछ बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका भी रही है। अब तक सोलह ऐसे खाताधारकों की पहचान की गई है जिनके खातों में ठगी की राशि आई। ये लोग दिल्ली उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और राजस्थान के निवासी हैं। इसके अलावा साइबर ठगों को म्यूल खाते उपलब्ध कराने वाले अठारह बैंक कर्मचारियों और ई मित्र से जुड़े लोगों के नाम भी सामने आए हैं जो राजस्थान हरियाणा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से संबंधित हैं। इनमें एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का कर्मचारी भी शामिल है। सीबीआई ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं और जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है।

Zomato डिलीवरी बॉय की देशव्यापी हड़ताल, क्रिसमस पर सेवाएँ प्रभावित हुई

बीएचयू में महामना जयंती पर पुष्प प्रदर्शनी का भव्य आगाज, चंद्रयान-माघ मेला थीम

वाराणसी: बीएचयू में पीएचडी शोधार्थियों का धरना, विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप

मखाना खेती को मिलेगा सरकारी प्रोत्साहन, किसानों की आय बढ़ाने को बंपर अनुदान

वाराणसी: राजघाट पुल पर मरम्मत हेतु मेगा ब्लॉक, हजारों यात्रियों की बढ़ी मुश्किलें