Thu, 13 Nov 2025 15:09:10 - By : Tanishka upadhyay
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना के तहत 26 जिलों के 517 गांवों को चिह्नित कर उनके समग्र विकास पर काम कर रही है। योगी ने बताया कि इन गांवों में सड़क, बिजली, पेयजल, आवास और सामाजिक सुरक्षा जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं तेजी से उपलब्ध कराई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष देश के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती, बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने से यह समय और भी खास हो गया है। उन्होंने कहा कि एक से 15 नवंबर तक देश भर में जनजाति भागीदारी उत्सव चल रहा है और लखनऊ में इसका आयोजन 18 राज्यों के 600 जनजातीय कलाकारों की भागीदारी से और भी भव्य हो गया है।
योगी ने कहा कि बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ अपने देश अपना राज का नारा देकर स्वतंत्रता आंदोलन को नया स्वरूप दिया था। केवल 25 वर्ष की आयु में रांची जेल में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी विरासत आज भी जनजातीय समुदाय को प्रेरित करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत यह कार्यक्रम जनजातीय समाज को करीब से समझने और उनकी सांस्कृतिक विरासत को जानने का अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में जनजाति समाज की संख्या भले ही कम है, लेकिन उनके उत्थान के लिए सरकार लगातार व्यापक कदम उठा रही है। राज्य में हाल ही में पुलिस भर्ती में अनुसूचित जनजाति के सभी आरक्षित पदों पर नियुक्ति की गई है। सरकार की योजनाओं के संबंध में उन्होंने बताया कि पीएम जन मन योजना के लाभार्थियों में बिजनौर की बुक्सा जनजाति के 815 परिवार शामिल किए गए हैं। राज्य में 23,430 जनजाति परिवारों को भूमिधरी का अधिकार देकर जमीन का स्वामित्व भी दिलाया गया है।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि इस उत्सव के माध्यम से 18 राज्यों के जनजातीय समुदायों के बीच संस्कृति का आदान प्रदान होगा। आगंतुकों को जनजातीय समाज की जीवन शैली, भोजन, पारंपरिक कला और उत्पादों को नजदीक से देखने का अवसर मिलेगा। समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण ने बताया कि इस उत्सव में सहयोगी राज्य अरुणाचल प्रदेश है और वहां से आए कलाकार अपनी विशिष्ट संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे।
यह आयोजन न केवल जनजातीय समाज के योगदान का सम्मान है बल्कि उनके विकास और अस्तित्व की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।