Thu, 25 Dec 2025 12:00:39 - By : Palak Yadav
पूर्वांचल सहित वाराणसी में गुरुवार की सुबह भी कोहरे और गलन की चादर के साथ शुरू हुई। बीते एक सप्ताह से सूरज की पर्याप्त गर्मी धरती तक नहीं पहुंच पा रही है, जिसके चलते ठंड का असर लगातार गहराता जा रहा है। मौसम विभाग ने पहले ही गलन, घना कोहरा और शीत दिवस को लेकर अलर्ट जारी कर रखा है और संकेत दिया है कि अगले दो दिनों तक शीत दिवस की स्थिति बनी रह सकती है। विभाग के अनुसार तीन दिनों तक घने कोहरे की संभावना है, जिससे तापमान में गिरावट के साथ गलन और बढ़ सकती है। पछुआ हवाओं का प्रभाव बना रहने से बादलों की सक्रियता भी देखने को मिल सकती है और इसका असर पूरे पूर्वांचल क्षेत्र में पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
पिछले चौबीस घंटों के दौरान अधिकतम तापमान 18.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.1 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 0.3 डिग्री अधिक रहा। इस अवधि में वातावरण में नमी का स्तर काफी ऊंचा रहा और अधिकतम आर्द्रता सौ प्रतिशत जबकि न्यूनतम आर्द्रता 89 प्रतिशत दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि यदि पछुआ हवाओं का जोर बना रहता है तो नमी का प्रभाव बढ़ेगा, जिससे गलन और कोहरे की तीव्रता और अधिक महसूस की जाएगी। पूरे सप्ताह मौसम में उतार चढ़ाव बने रहने के संकेत हैं और सैटेलाइट तस्वीरों में राजस्थान के आसपास बादलों की सक्रियता भी दिखाई दे रही है, जिसका असर आगे चलकर पूर्वांचल तक पहुंच सकता है।
मौसम के बदले रुख का सीधा असर परिवहन व्यवस्था पर भी पड़ रहा है। कोहरे और गलन के कारण विमानों की लेट लतीफी लगातार जारी है, वहीं ट्रेनों के संचालन में भी निरंतर विलंब देखा जा रहा है। तकनीकी दिक्कतों और कम दृश्यता के चलते यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार पूरे सप्ताह मौसमी बदलाव की स्थिति बनी रहने से यह माना जा रहा है कि ट्रेनों और विमानों के विलंबित होने और रद होने का सिलसिला फिलहाल थमने वाला नहीं है। गुरुवार की सुबह सड़कों पर भी इसका असर साफ दिखाई दिया, जहां वाहन फाग लाइट जलाकर रेंगते हुए चलते नजर आए। वातावरण में बढ़ती नमी के कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शीत, ओस और घने कोहरे का दौर आने वाले दिनों में भी लगातार बना रह सकता है।