Fri, 14 Nov 2025 13:42:21 - By : Garima Mishra
कानपुर के एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में पढ़ रहे डीएम प्रथम वर्ष के छात्र डॉ. मो. आरिफ मीर को दिल्ली में हुए लाल किला ब्लास्ट केस की जांच के सिलसिले में जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है। इस जानकारी के सामने आने के बाद संस्थान के डॉक्टरों और स्टाफ में हैरानी का माहौल बना रहा। डॉ. आरिफ ने कुछ महीने पहले ही कार्डियोलॉजी में सुपर स्पेशियलिटी प्रशिक्षण शुरू किया था और उनके साथ काम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि वह सामान्य स्वभाव के, शांत और पढ़ाई पर ध्यान देने वाले छात्र के रूप में ही दिखाई देते थे। इंस्टीट्यूट ने कहा कि शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा उनकी अन्य गतिविधियों की उन्हें जानकारी नहीं थी और किसी भी प्रकार का आधिकारिक पत्र या सूचना अभी तक उन्हें नहीं मिली है।
डॉ. आरिफ मीर की पृष्ठभूमि भी जांच के दायरे में है क्योंकि उन्होंने नीट सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा में देशभर में 1008वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें पहली काउंसलिंग में लखनऊ के एसजीपीजीआई में प्रवेश मिला था, लेकिन दूसरी काउंसलिंग में उन्होंने एसजीपीजीआई छोड़कर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट को चुन लिया और अगस्त 2025 में यहां प्रवेश लिया। इस बदलाव को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं कि उन्होंने प्रतिष्ठित संस्थान को छोड़ कर कानपुर क्यों चुना, हालांकि संस्थान ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। अधिकारियों का कहना है कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय था और प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह मेरिट पर आधारित हुई थी।
इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. राकेश कुमार वर्मा, कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश्वर पांडेय और वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि डॉ. आरिफ का व्यवहार हमेशा सामान्य रहा और वह नियमित तौर पर ओपीडी तथा इमरजेंसी की ड्यूटी करते थे। गुरुवार को भी उन्होंने दिन में ओपीडी की और शाम में इमरजेंसी ड्यूटी पूरी कर घर चले गए। इसके बाद देर रात सोशल मीडिया और खबरों के माध्यम से पता चला कि उन्हें जांच एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया है। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक उन्हें इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले अन्य छात्रों की संख्या और पृष्ठभूमि पर भी ध्यान दिया गया। संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में कश्मीर के चार छात्र पढ़ रहे हैं और इससे पहले भी जम्मू कश्मीर से कई छात्र सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में प्रवेश लेते आए हैं। यह पूरी प्रक्रिया नीट सुपर स्पेशियलिटी टेस्ट के माध्यम से होती है, जिसमें चयन केवल मेरिट के आधार पर होता है। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक संस्थान ने किसी भी छात्र के चाल चलन से संबंधित कोई शिकायत नहीं पाई है और छात्रों को हमेशा शैक्षणिक गतिविधियों में व्यस्त पाया गया है।
डॉ. आरिफ अशोकनगर में किराये पर रहते थे और उनके साथ उनके सहपाठी डॉ. अभिषेक भी रह रहे थे। छात्रावास की व्यवस्था पूरी न होने के कारण कई सुपर स्पेशियलिटी छात्र शहर में किराये पर रहते हैं। संस्थान ने कहा कि डॉ. आरिफ ने हमेशा समय पर अपनी ड्यूटी की और किसी प्रकार का असामान्य व्यवहार उन्होंने कभी नहीं दिखाया। उनके परिवार के बारे में मिली जानकारी के अनुसार उनके पिता का नाम गुलाम हसन मीर है और वे अनंतनाग के खागुंड, सादीवाड़ा वेरिनाग के रहने वाले हैं। इससे पहले संस्थान को उनके परिवार, पृष्ठभूमि या किसी अन्य गतिविधि से संबंधित कोई नकारात्मक सूचना नहीं मिली थी।
इंस्टीट्यूट में अब सभी लोग जांच एजेंसियों की आगे की कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। डॉक्टरों और स्टाफ का कहना है कि हिरासत में लिए गए छात्र के संदर्भ में कोई निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी और सभी तथ्य सामने आने के बाद ही स्पष्ट तस्वीर मिलेगी। फिलहाल संस्थान अपनी नियमित शैक्षणिक और चिकित्सा सेवाएं पूर्व की तरह जारी रखे हुए है और छात्रों के मनोबल को बनाए रखने पर भी ध्यान दिया जा रहा है।