Thu, 13 Nov 2025 20:44:03 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर थाना क्षेत्र के डोमरी गांव के सामने गुरुवार की दोपहर एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। स्कूल से छुट्टी के बाद गंगा में नहाने पहुंचे तीन दोस्तों में से दो किशोरों की डूबने से मौत हो गई, जबकि तीसरा साथी अपनी आंखों के सामने दोस्तों को लहरों में समाते देख बेसुध होकर मदद के लिए चीखता रह गया। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने पहुंचकर दोनों किशोरों के शवों को बाहर निकाला।
मृत किशोरों की पहचान मोहम्मद इस्माइल (17) और अमान रजा (17) के रूप में हुई है, जो चंदौली जिले के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के जलीलपुर गांव के रहने वाले थे। दोनों अपने तीसरे साथी मोहम्मद आतिफ के साथ स्कूल से छुट्टी के बाद सीधे घर न जाकर गंगा नहाने चले गए थे। बताया जा रहा है कि तीनों ने पहले पड़ाव स्थित अपनी दुकान पर स्कूल बैग रखे और फिर डोमरी घाट की ओर निकल पड़े। नदी किनारे पहुंचकर वे हंसी-ठिठोली करते हुए पानी में उतरे, लेकिन कुछ ही देर में यह मस्ती मातम में बदल गई।
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस्माइल और अमान को तैरना नहीं आता था। जैसे ही वे कुछ कदम आगे बढ़े, उनका पैर फिसल गया और वे गहरे पानी में चले गए। दोनों को संघर्ष करते देख उनका तीसरा साथी आतिफ घबरा गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। उसकी चीखें सुनकर घाट पर मौजूद लोग दौड़े, लेकिन तब तक दोनों किशोर गंगा की लहरों में समा चुके थे।
मौके पर पहुंची रामनगर पुलिस ने तत्काल एनडीआरएफ टीम को सूचना दी। करीब आधे घंटे की खोजबीन के बाद गोताखोरों ने दोनों किशोरों के शवों को बाहर निकाला। शव मिलते ही घाट पर चीख-पुकार मच गई। परिजनों को जैसे ही हादसे की खबर मिली, वे बदहवास होकर मौके पर पहुंचे। दोनों परिवारों की माताएं अपने बेटों का निर्जीव शरीर देखकर बेसुध हो गईं। पूरा माहौल मातम में डूब गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस्माइल और अमान दोनों ही पढ़ाई में अच्छे थे और परिवार की उम्मीद थे। स्कूल से लौटने के बाद वे रोज दुकान पर पिता का हाथ बंटाते थे। लेकिन गुरुवार को वे दोस्तों के साथ घूमने की बात कहकर निकले थे। किसी को क्या पता था कि यह उनका आखिरी दिन होगा।
पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों ने बताया कि यह एक दुखद हादसा है और जांच की जा रही है कि किशोर वहां तक कैसे पहुंचे और क्या आसपास कोई सुरक्षा व्यवस्था मौजूद थी या नहीं।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि घाटों पर स्नान करने वालों के लिए सुरक्षा इंतजाम कितने पर्याप्त हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि डोमरी घाट पर कोई भी स्थायी चौकी या निगरानी तैनाती नहीं होती, जिससे इस तरह की दुर्घटनाएं बार-बार घट रही हैं।
गंगा की लहरों में समा गई दो मासूम जिंदगियां, इस घटना ने पूरे वाराणसी और चंदौली क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। दोस्तों के साथ हंसी-मजाक करते हुए निकले दो किशोर घर कभी नहीं लौटे। उनकी मौत ने यह दर्दनाक संदेश छोड़ दिया कि लापरवाही का एक पल जिंदगी भर का पछतावा बन सकता है।
गांव के लोग अब भी इस घटना से उबर नहीं पाए हैं। हर किसी की जुबां पर बस यही सवाल है, कि “अगर थोड़ी सतर्कता होती, तो शायद दो घरों के चिराग आज बुझने से बच जाते।”