प्रदेश में ठंड का कहर जारी, कानपुर में 8.6 डिग्री पहुंचा पारा, दिसंबर में बढ़ेगी सर्दी

प्रदेश में ठंड ने रफ्तार पकड़ ली है, कानपुर में 8.6 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया, दिसंबर में सर्दी बढ़ने की संभावना है।

Fri, 14 Nov 2025 11:06:13 - By : Tanishka upadhyay

प्रदेश में ठंड ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है और रात का तापमान लगातार नीचे जा रहा है। पिछले एक सप्ताह से न्यूनतम तापमान हर दिन गिरावट दर्ज कर रहा है। गुरुवार को मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में सबसे कम तापमान कानपुर में रिकॉर्ड किया गया, जहां पारा 8.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह सामान्य से 4.6 डिग्री कम है और इस सीजन में पहली बार तापमान इतनी नीचे की स्थिति में दर्ज हुआ है। तापमान में यह गिरावट प्रदेश में बढ़ती ठंड का साफ संकेत दे रही है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह उतार चढ़ाव अभी कुछ दिनों तक जारी रहने वाला है। रात और दिन के तापमान में अंतर बना रहेगा और मौसम पूरी तरह स्थिर होने की संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है। इसी बीच मौसम विशेषज्ञ डॉ एस एन सुनील पांडेय ने बताया कि 22 नवंबर के बाद मौसम में एक और बदलाव दिखाई दे सकता है। उनके अनुसार 22 नवंबर से चार दिसंबर के बीच बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में एक नया सिस्टम सक्रिय हो सकता है। इसके कारण अगले कुछ दिनों में उत्तर भारत के मौसम पर असर पड़ सकता है।

इसी अवधि में 25 से 30 नवंबर के बीच हिमालयी क्षेत्रों में एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना भी जताई गई है। अगर यह सिस्टम ज्यादा प्रभावी होता है तो दिसंबर की शुरुआत में ठंड में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इस पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी बढ़ने की उम्मीद है जिसका असर मैदानी इलाकों तक पहुंचेगा।

गुरुवार को दिन और रात के तापमान में अंतर साफ नजर आया। रात का तापमान काफी नीचे चला गया जबकि दिन में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली। सीएसए में दिन का तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से 0.1 डिग्री अधिक है। चकेरी एयरफोर्स स्टेशन पर अधिकतम तापमान 30.6 और न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस पाया गया।

उत्तर पश्चिम से चल रही ठंडी हवाएं पहाड़ों की सर्दी को मैदानी इलाकों तक ला रही हैं जिसके कारण सुबह और शाम के समय धुंध की स्थिति बनी हुई है। कई शहरी क्षेत्रों में धुंध के साथ स्मॉग भी दिखाई दे रहा है। स्मॉग वायु प्रदूषण के कारण बनने वाली स्थिति है जिसमें प्रदूषणकारी कण और गैसें हवा में मौजूद नमी के साथ मिलकर घनी परत बना देती हैं। इस वजह से आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से पहले सावधानी बरतना जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें अस्थमा या श्वसन संबंधी बीमारी है।

मौसम विभाग ने नागरिकों को अगले कुछ दिनों में और अधिक ठंड के लिए तैयार रहने की सलाह दी है क्योंकि उत्तर भारत में तापमान के क्रमिक गिरावट का यह दौर अभी जारी रह सकता है।

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