Thu, 13 Nov 2025 10:44:50 - By : Garima Mishra
वाराणसी के रणबांकुरे मैदान में बुधवार को अग्निवीर भर्ती रैली का पांचवां दिन पूरी तरह युवाओं के जोश और प्रतिस्पर्धा के नाम रहा। आजमगढ़ जिले के 1028 अभ्यर्थियों ने सुबह से मैदान में उतरकर अपनी क्षमता दिखाई। इनमें से 671 युवा फिजिकल टेस्ट में सफल हुए। सेना द्वारा टेक्निकल पद के लिए तीसरे दिन कुल 1275 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था।
मंगलवार की देर रात से ही बड़ी संख्या में अभ्यर्थी छावनी क्षेत्र में बने होल्डिंग एरिया में पहुंच गए थे। बुधवार को टेक्निकल, क्लर्क और जीडी सोल्जर के लिए फिजिकल परीक्षण और दस्तावेज जांच की प्रक्रिया जारी रही। भर्ती में वाराणसी मंडल के साथ कुल 12 जिलों को शामिल किया गया है जिनमें आजमगढ़, बलिया, चंदौली, देवरिया, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, मऊ, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र और वाराणसी शामिल हैं।
कर्नल मानस के नेतृत्व में 11 सदस्यीय भर्ती टीम ने पूरे कार्यक्रम को सुचारू रूप से सम्पन्न कराया। सेना के अनुसार 11 नवंबर से 21 नवंबर तक जीडी यानी जनरल ड्यूटी पदों के लिए रैली जारी रहेगी और प्रत्येक दिन संबंधित जिले के अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में शामिल होंगे।
इस बार दौड़ की श्रेणी को भी पुनर्गठित किया गया है। 1600 मीटर दौड़ में अभ्यर्थियों को पहले की तुलना में तीस सेकंड का अतिरिक्त समय मिला है। अब छह मिनट 15 सेकंड के भीतर दौड़ पूरी करने पर क्वालीफाई किया जाएगा। प्रदर्शन के आधार पर चार अलग कैटेगरी में अंक दिए गए हैं ताकि तकनीशियन, ट्रेड और ऑफिस असिस्टेंट जैसे पदों के योग्य उम्मीदवार प्रक्रिया से बाहर न हो जाएं।
सभी अभ्यर्थियों के लिए प्रवेश पत्र, फोटो, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, निवास, जाति, चरित्र प्रमाणपत्र, अविवाहित प्रमाणपत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड की मूल प्रतियां और तीन सत्यापित प्रतियों का प्रस्तुत करना अनिवार्य है। बिना दस्तावेज किसी भी उम्मीदवार को प्रवेश नहीं दिया गया।
वाराणसी भर्ती में पहली बार महिला सैन्य अधिकारी ने कमान संभाली है। आगरा आर्मी रिक्रूटिंग ऑफिस की भर्ती अधिकारी कर्नल रेशमा शरीन पूरे आयोजन का संचालन कर रही हैं। पंजाब की रहने वाली कर्नल रेशमा के पिता और दोनों भाई भी भारतीय सेना में अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि सेना में सफलता के लिए समर्पण और अनुशासन जरूरी है और अवसर पुरुष और महिला दोनों के लिए समान हैं।
भर्ती स्थल और आसपास सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी रही। कैंट पुलिस, पीएसी और सेना के संयुक्त दल ने पूरे परिसर में निगरानी रखी। चिकित्सा परीक्षण के लिए डॉ. अंबुज कुमार गुप्ता, डॉ. देवेश कुमार सिंह, डॉ. प्रशांत कुमार सिंह और अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।