Wed, 19 Nov 2025 08:26:30 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: पूर्वांचल विद्युत वितरण खंड द्वितीय बरईपुर में बिजली बिल रिवाइजेशन के नाम पर बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। विभागीय प्रक्रियाओं और नियमों को दरकिनार कर कई उपभोक्ताओं के भारी-भरकम बकाया बिलों को कुछ ही क्लिक में हजारों में बदल देने का खेल उजागर हुआ है। शुरुआती जांच में यह बात भी सामने आई है कि यह पूरा मामला सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि विभाग के अभियंताओं, लेखाकारों और लिपिकों की मिलीभगत से किया गया संगठित वित्तीय हेरफेर प्रतीत होता है, जिससे विभाग को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा है।
सूत्रों के मुताबिक एमआरआई और ओके-बेस्ड बिलिंग सिस्टम में यूनिटों में जानबूझकर हेरफेर कर गलत खपत दर्ज की गई, ताकि बकाया राशि कम दिखे और उपभोक्ता को भारी छूट मिल जाए। वहीं, स्थाई विद्युत विच्छेदन (पीडी) के नाम पर भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किए जाने की जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि कई ऐसे मामलों में लाखों रुपये के बकाया बिल को गलत ढंग से पीडी दिखाकर शून्य कर दिया गया है। शहर और ग्रामीण दोनों ही सब-डिवीजनों में इस तरह की अनियमितताओं की गूंज तेज है।
इस मामले को गंभीरता से उठाते हुए मंगलवार को नेशनल मीडिया हेल्पलाइन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस.के. श्रीवास्तव विकास और राष्ट्रीय पत्रकार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र उपाध्याय ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी के प्रबंध निदेशक से मुलाकात की। दोनों पत्रकार संगठनों ने विस्तृत साक्ष्यों के साथ ज्ञापन सौंपते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि बरईपुर–चितईपुर स्थित विद्युत वितरण खंड में अधिशासी अभियंता मनीष झां पिछले डेढ़ वर्ष से तैनात हैं, और इसी अवधि में बिल संशोधन के कई संदिग्ध मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
दिए गए साक्ष्यों में कई उपभोक्ताओं के बकाया बिलों में हुई उल्लेखनीय कटौती का विवरण भी शामिल है। उदाहरण के तौर पर, बदामा देवी, ग्राम भीषमपुर, सेवापुरी (एसी नं. 4913569000) का बकाया ₹4,66,470 जो 19 जून 2025 तक दर्ज था, उसे महज चार दिन बाद 23 जून को घटाकर ₹1,19,852 कर दिया गया।
✅शहजाद अंसारी, पुत्र यूनिस अंसारी (एसी 6585309000) का बकाया ₹1,18,783 था, जिसे घटाकर ₹39,756 कर दिया गया।
✅राम नरेश, ग्राम राय जलालपुर (एसी 4503861100) पर ₹2,40,826 बकाया था, जिसे कम कर ₹66,707 कर दिया गया।
✅राधिका देवी, ग्राम चक नरोत्तमपुर (एसी 3030978000) का बकाया ₹87,855 था, जिसे घटाकर मात्र ₹19,712 कर दिया गया।
✅अलका तिवारी, ग्राम गंगापुर पटेल नगर (एसी 7100191100) का बकाया ₹3,44,134 तक शून्य कर दिया गया।
इन सभी मामलों में यूनिटों के साथ छेड़छाड़, बिलिंग सॉफ्टवेयर में परिवर्तन और विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। उपभोक्ताओं को दी गई ये अवैध राहतें सीधे तौर पर राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाती हैं, जबकि संबंधित अधिकारी और कर्मचारी कथित रूप से इस प्रक्रिया से व्यक्तिगत लाभ उठाते रहे।
इस पूरे प्रकरण पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड वाराणसी के प्रबंध निदेशक शम्भु कुमार ने कहा कि बिजली बिलों को गलत तरीके से रिवाइज कराने की शिकायतें पहले भी मिलती रही हैं और वर्तमान में पत्रकार संगठनों द्वारा जो साक्ष्य दिए गए हैं, उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता पर जांचा जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच रिपोर्ट आने पर दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
मामले के उजागर होने के बाद विभाग में हलचल तेज है और उपभोक्ता भी यह जानना चाहते हैं कि आखिर किन मानकों के आधार पर इतनी बड़ी राशि में कटौती की गई। वहीं, यह सवाल भी उठ रहा है कि यदि यही हेरफेर इतने लंबे समय तक अनदेखा होता रहा, तो विभागीय निगरानी तंत्र की भूमिका आखिर कहां कमजोर हुई।
पूर्वांचल में बिजली बिलिंग सिस्टम की पारदर्शिता पर उठते सवालों ने अब एक बार फिर विभाग को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मामले की गहराई से जांच किस दिशा में जाती है, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।