Thu, 20 Nov 2025 14:09:55 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी में गुरुवार सुबह लो विजिबिलिटी के कारण हवाई सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हुईं, जिससे कई उड़ानों की लैंडिंग और टेकऑफ संचालन बाधित हो गया। शहर में ठंड बढ़ने के साथ कोहरे का दौर शुरू हो चुका है और इसी वजह से सुबह रनवे पर दृश्यता सामान्य मानकों से काफी नीचे चली गई। हवाई अड्डे पर दृश्यता लगभग 500 मीटर से कम रही और कम विजिबिलिटी ऑपरेशन लागू करना पड़ा। सुरक्षा मानकों के तहत 200 फीट से कम ऊंचाई पर विमान को रोका जाता है और इसी वजह से सुबह दस बजे तक किसी भी विमान को लैंडिंग की अनुमति नहीं दी गई। एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट को इस स्थिति का सबसे अधिक प्रभाव झेलना पड़ा क्योंकि यह विमान लगभग 45 मिनट तक वाराणसी के आकाश में चक्कर लगाता रहा लेकिन दृश्यता में कोई सुधार नहीं होने के कारण एटीसी ने लैंडिंग की मंजूरी नहीं दी।
एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट आईएक्स 184 शारजाह से निर्धारित समय के अनुसार रात लगभग 1 बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई थी और सुबह करीब 7 बजे वाराणसी के हवाई क्षेत्र में पहुंची। यात्रियों को उम्मीद थी कि विमान जल्द ही उतर जाएगा, लेकिन घने कोहरे ने स्थिति मुश्किल बना दी। पायलट और एटीसी अधिकारियों ने दृश्यता में सुधार होने की प्रतीक्षा की, हालांकि रनवे पर कोहरा लगातार घना बना रहा। विमान वाराणसी के ऊपर लगभग तीन चौथाई घंटे तक होल्डिंग पैटर्न में उड़ता रहा, जिससे यात्रियों में बेचैनी और चिंता भी बढ़ी। सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एटीसी ने लैंडिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया और आखिरकार लगभग 8 बजे फ्लाइट को दिल्ली के लिए डायवर्ट कर दिया गया। इससे शारजाह से आए यात्रियों को अतिरिक्त समय की परेशानी का सामना करना पड़ा और एयरलाइन ने जानकारी दी कि उन्हें दोबारा इसी विमान से दोपहर एक बजे वाराणसी लाया जाएगा।
एयरलाइंस अधिकारियों ने बताया कि लो विजिबिलिटी जैसी परिस्थितियों में सुरक्षा प्रोटोकॉल बेहद सख्त होते हैं और विमान को तभी उतरने दिया जाता है जब रनवे की दृश्यता न्यूनतम मानकों तक पहुंच जाए। गुरुवार सुबह घना कोहरा बना रहा, जिससे न केवल यह उड़ान बल्कि अन्य हवाई परिचालन पर भी असर पड़ा। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया कि आने वाले दिनों में वाराणसी और आसपास के इलाकों में कोहरे की तीव्रता और बढ़ सकती है, जिससे हवाई यातायात पर प्रभाव जारी रह सकता है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले अपनी उड़ानों की स्थिति की जांच अवश्य करें ताकि आकस्मिक विलंब या डायवर्जन के कारण होने वाली दिक्कतों से बचा जा सके।