वाराणसी: जातीय हिंसा के बाद तनाव, क्षत्रिय संगठनों ने किया सड़क जाम

वाराणसी के छितौना गांव में जातीय हिंसा के बाद तनाव जारी है, क्षत्रिय संगठनों ने मोर्चा संभालकर ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ नारेबाजी की और गाजीपुर-वाराणसी मार्ग को जाम कर दिया।

Tue, 15 Jul 2025 14:52:24 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में बीते दिनों हुई जातीय हिंसा के बाद उपजे तनाव का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। 12 जुलाई को सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर की अगुवाई में करणी सेना के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी के बाद से हालात लगातार संवेदनशील बने हुए हैं। विरोध में अब क्षत्रिय संगठनों ने भी खुलकर मोर्चा संभाल लिया है, जिससे क्षेत्र में सामाजिक और राजनीतिक टकराव और गहराता जा रहा है।

मंगलवार को करणी सेना और क्षत्रिय महासभा के सैकड़ों कार्यकर्ता छितौना के समीप संदहा पहुंचे और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर और महासचिव अरविंद राजभर के खिलाफ आक्रोश जताते हुए नारेबाजी की। प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पहले से ही मौके पर तैनात पुलिस बल ने रोका, लेकिन आक्रोशित भीड़ ने गाजीपुर-वाराणसी मुख्य मार्ग पर अचानक धरना देकर सड़क को पूरी तरह जाम कर दिया। इससे यातायात घंटों प्रभावित रहा और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

मौके की नजाकत को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए तत्परता दिखाई। वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में आंदोलनकारियों को समझाने की कोशिशें शुरू हुईं। इस दौरान क्षत्रिय महासभा के प्रदेश संरक्षक हरिशंकर सिंह उर्फ ‘मुन्ना’ ने हस्तक्षेप करते हुए कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील की और बताया कि जिला प्रशासन के साथ संगठन की बैठक में यह सहमति बनी है कि समाज विशेष पर की गई कथित अभद्र टिप्पणियों की जांच कर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ 48 घंटे के भीतर कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि, प्रदर्शनकारी पूरी तरह शांत नहीं हुए और विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला कुछ देर और चलता रहा। आखिरकार, उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप और सधी हुई रणनीति के चलते जाम को समाप्त कराया गया। प्रशासन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबल तैनात हैं और संवेदनशील बिंदुओं की निगरानी ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से की जा रही है।

प्रशासनिक रोक के बावजूद, मंगलवार को दोपहर बाद क्षत्रिय महासभा के कुछ कार्यकर्ता एक बार फिर संदहा पहुंचे और वहां जमकर नारेबाजी की। स्थिति एक बार फिर बिगड़ने की ओर अग्रसर होती नजर आई, लेकिन मौके पर मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सूझबूझ दिखाते हुए हालात को बेकाबू नहीं होने दिया।

फिलहाल छितौना और आसपास के इलाके में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए लगातार गश्त और निगरानी जारी है। जिला प्रशासन ने आम जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही कहा गया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

इस पूरी घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों को झकझोरा है, बल्कि प्रशासनिक तंत्र के लिए भी चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन अपने वादे के अनुसार कार्रवाई कर सामाजिक सौहार्द बनाए रखने में कितना सफल होता है।

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