वाराणसी: तेलियाबाग में खादी विभाग का आधुनिक प्लाजा 19 करोड़ की लागत से बनेगा

तेलियाबाग में खादी विभाग का नया तीन मंजिला ग्रीन प्लाजा दो वर्षों में तैयार होकर विभाग को सौंपा जाएगा।

Wed, 19 Nov 2025 11:30:16 - By : Shriti Chatterjee

वाराणसी के तेलियाबाग क्षेत्र में खादी और ग्रामोद्योग विभाग का नया आधुनिक ऑफिस कम प्लाजा धीरे धीरे अपनी संरचना ले रहा है। इस परियोजना पर कुल 19 करोड रुपये खर्च किए जा रहे हैं और निर्माण कार्य की जिम्मेदारी राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम एनबीसीसी को सौंपी गई है। योजना के अनुसार तीन मंजिला यह भवन दो वर्षों में पूरी तरह तैयार होकर विभाग को सौंप दिया जाएगा। अधिकारी मानते हैं कि यह नया परिसर शहर के कारीगरों और स्थानीय उद्यमियों के लिए एक बड़ा अवसर साबित होगा, क्योंकि यहां कामकाज और प्रदर्शन दोनों के लिए एक उन्नत प्लेटफार्म उपलब्ध होगा।

इस नए भवन को ऊर्जा सक्षम और पर्यावरण अनुकूल डिजाइन पर आधारित किया जा रहा है, ताकि लंबे समय तक इसकी उपयोगिता बनी रहे। प्रोजेक्ट से जुड़े इंजीनियरों की टीम ने लेआउट को अंतिम रूप दे दिया है और अब नींव से संबंधित कार्य तेज गति से हो रहे हैं। भवन में प्राकृतिक रोशनी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा और वर्षा जल संचयन तथा सोलर पैनल जैसी व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं, जिससे इसे पूरी तरह ग्रीन स्ट्रक्चर का स्वरूप मिल सके। अधिकारियों का कहना है कि यह डिजाइन भविष्य के सरकारी भवनों के लिए एक मॉडल की तरह भी काम कर सकता है।

तीन मंजिला इस प्लाजा में प्रशासनिक कार्यालयों के साथ साथ एक बड़ा कांफ्रेंस हाल, आधुनिक प्रदर्शन गैलरी, प्रशिक्षण कक्ष और बिक्री केंद्र शामिल किए जा रहे हैं। इन सुविधाओं के माध्यम से स्थानीय हस्तशिल्प, खादी उत्पाद, जूट आधारित वस्तुएं, हर्बल उत्पाद और ग्रामीण उद्योगों से जुड़े अन्य सामान को एक व्यवस्थित मंच मिलेगा। स्थायी और अस्थायी दोनों तरह की प्रदर्शनी सुविधाएं कारीगरों और उद्यमियों को अपने काम को सीधे ग्राहकों और संस्थानों तक पहुंचाने में मदद करेंगी।

यही नहीं, भवन में बनाए जा रहे प्रशिक्षण कक्षों से जिले के युवा उद्यमियों, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों और नई शुरुआत करने वाले स्टार्टअप्स को भी महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। अधिकारियों के अनुसार परिसर के शुरू होने के बाद कौशल विकास कार्यक्रम, उद्यमिता प्रशिक्षण, पैकेजिंग और मार्केटिंग वर्कशाप जैसी गतिविधियों को और गति मिलेगी। इससे ग्रामीण उद्योगों को न केवल स्थानीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा बल्कि उन्हें राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच बनाने में भी सहायता होगी। हालांकि निर्माण के दौरान कुछ विवादों की चर्चा सामने आई है, लेकिन विभाग और निर्माण एजेंसी दोनों का कहना है कि परियोजना को तय समय सीमा में पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

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