वाराणसी: HDFC खाते से 1.51 लाख की साइबर ठगी, बिना OTP निकले पैसे, FIR दर्ज

वाराणसी के चौबेपुर में HDFC बैंक खाते से साइबर ठगों ने 1.51 लाख रुपये निकाले, पीड़ित को कोई अलर्ट या OTP नहीं मिला, पुलिस ने मामला दर्ज किया।

Thu, 04 Dec 2025 14:21:37 - By : Palak Yadav

वाराणसी में साइबर अपराध का एक और गंभीर मामला सामने आया है, जिसने डिजिटल सुरक्षा को लेकर लोगों की चिंता बढ़ा दी है। चौबेपुर क्षेत्र के निवासी सुनील यादव के बैंक खाते से अज्ञात साइबर ठगों ने लगभग 1 लाख 51 हजार रुपये की रकम निकाल ली। पीड़ित द्वारा थाने में दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह घटना इस बात का संकेत है कि साइबर अपराधी अब अधिक तकनीकी और संगठित तरीके से वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और आम नागरिकों के खातों को निशाना बना रहे हैं।

पीड़ित सुनील यादव के अनुसार उनका खाता HDFC बैंक की चौबेपुर शाखा में है। उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके बैंक विवरणों का अनाधिकृत उपयोग करते हुए खाते को हैक किया और धीरे धीरे पूरी राशि निकाल ली। सबसे चिंताजनक बात यह है कि खाते से धन निकासी के दौरान उन्हें किसी प्रकार का अलर्ट, संदेश या ओटीपी प्राप्त नहीं हुआ। बैंक खातों में सुरक्षा के तौर पर भेजे जाने वाले इन अलर्ट्स से ही ग्राहक को संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिलती है, इसलिए सूचना न मिलना मामले को और संदिग्ध बनाता है। सुनील यादव का कहना है कि जब बैलेंस की जांच की गई तब उन्हें पता चला कि खाते में से पूरी राशि गायब है।

मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी से जुड़ी धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद तुरंत साइबर सेल को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। साइबर सेल अब उस डिजिटल ट्रेल की जांच कर रही है जिसके माध्यम से ठगों ने खाते तक पहुंच बनाई। इसमें लेनदेन के रूट, उपयोग किए गए उपकरण, इंटरनेट प्रोटोकॉल, संदिग्ध मोबाइल नंबरों और बैंक खातों की जांच शामिल है। अधिकारियों का कहना है कि धनराशि किस प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रांसफर की गई और वह किन खातों में गई, इसका पता लगाने के लिए तकनीकी विश्लेषण तेजी से किया जा रहा है।

साइबर सेल ठगी में शामिल संभावित गैंग, फर्जी बैंकिंग एप्लिकेशन, लिंक और मैलवेयर की भी जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि कई मामलों में अपराधी फिशिंग लिंक, स्क्रीन शेयरिंग एप और कस्टमर केयर के नाम पर धोखे का सहारा लेते हैं। इसलिए पीड़ित के मोबाइल और बैंक लेनदेन से जुड़े उपकरणों की फॉरेंसिक जांच भी महत्वपूर्ण है।

सुनील यादव ने प्रशासन से ठगी गई राशि वापस दिलाने की मांग की है और साइबर ठगों की शीघ्र गिरफ्तारी की अपील की है। उन्होंने कहा कि बिना किसी अलर्ट के इतनी बड़ी राशि निकल जाना समझ से बाहर है और इससे बैंकिंग सुरक्षा पर सवाल उठते हैं। पुलिस का कहना है कि जांच में तेजी लाई गई है और प्रारंभिक तथ्यों के आधार पर जल्द ही ठोस सुराग मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों ने नागरिकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि किसी भी अनजान लिंक, कॉल या ऐप को एक्सेस न करें।

इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर सुरक्षा आज की आवश्यकता है और डिजिटल लेनदेन करते समय सावधानी बरतना जरूरी है। पुलिस ने लोगों से आग्रह किया है कि संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर दें ताकि समय रहते नुकसान को रोका जा सके।

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