Wed, 03 Sep 2025 16:59:47 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: बड़ागांव थाना क्षेत्र में बुधवार की सुबह पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 25 हजार रुपये के इनामी पशु तस्कर गोविंद सिंह को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। बिहार के कैमूर जिले का रहने वाला गोविंद सिंह पुलिस की जवाबी फायरिंग में पैर में गोली लगने से घायल हो गया, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गोविंद सिंह का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। उस पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पशु तस्करी और अवैध गतिविधियों से जुड़े कुल नौ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। प्रारंभिक पूछताछ में उसने पुलिस को उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैले एक बड़े गौ-तस्करी नेटवर्क के बारे में अहम जानकारी दी है। इस खुलासे के बाद पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश तेज करने की तैयारी में जुट गई है।
गोमती जोन के डीसीपी आकाश पटेल ने बताया कि बड़ागांव और फूलपुर थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने सुबह रामेश्वर के पास वरुणा पुल पर छापेमारी की थी। इस दौरान पुलिस को देखते ही गोविंद सिंह ने फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा में पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें बदमाश के पैर में गोली लगी और वह मौके पर ही दबोच लिया गया।
पूछताछ में सामने आया कि गोविंद सिंह की शुरुआत एक स्पॉटर के रूप में हुई थी। वह अवैध पशु परिवहन करने वाले गिरोह के लिए पुलिस चेकिंग की सूचना देने का काम करता था। धीरे-धीरे उसने खुद स्वतंत्र रूप से पशु तस्करी का धंधा शुरू कर दिया और ट्रांसपोर्टर के रूप में पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया।
गोविंद ने यह भी स्वीकार किया कि यूपी के ग्रामीण इलाकों से 500 से 600 रुपये में खरीदे या चोरी किए गए संरक्षित पशुओं को वह बिहार के मेलों में 10 हजार रुपये तक में बेचता था। वहीं, जब यही पशु पश्चिम बंगाल पहुंचते, तो उनकी कीमत कई गुना बढ़ जाती थी। इस अवैध कारोबार से जुड़े कई नामों का खुलासा भी उसने पुलिस पूछताछ में किया है।
पुलिस के मुताबिक, गोविंद का भाई राजू सिंह भी इसी कारोबार में शामिल है और फिलहाल जेल में बंद है। ऐसे में यह पूरा गिरोह लंबे समय से कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बना हुआ था। अधिकारियों का कहना है कि अब जब नेटवर्क से जुड़े कई और लोगों के नाम सामने आ चुके हैं, तो जल्द ही इस पर बड़ी कार्रवाई की जाएगी।